पिथौरागढ़ में विज्ञान लोकप्रियकरण अभियान शुरू , यू-कॉस्ट के सहयोग से पर्वतीय महिला कल्याण समिति की वैज्ञानिक चेतना के प्रसार पर आधारित अभिनव पहल

पिथौरागढ़। विज्ञान लोकप्रियकरण अभियान (साइंस पॉपुलराइजेशन ड्राइव) की जनपद में मंगलवार को शुरूआत हो गई। जिलाधिकारी रीना जोशी ने कलक्ट्रेट में हरी झंडी दिखाकर अभियान…

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पिथौरागढ़। विज्ञान लोकप्रियकरण अभियान (साइंस पॉपुलराइजेशन ड्राइव) की जनपद में मंगलवार को शुरूआत हो गई। जिलाधिकारी रीना जोशी ने कलक्ट्रेट में हरी झंडी दिखाकर अभियान दल को रवाना किया। अभियान के आगाज पर सर्वप्रथम राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मूनाकोट कार्यक्रम में आयोजित किया गया जिसमें कॉलेज की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

यहां प्रस्तुत कठपुतली नाटिका में किशोरावस्था खासकर लड़कियों में आने वाले शारीरिक बदलावों और उनसे जुड़ी भ्रांतियों व अंधविश्वासों के बारे जानकारी देकर उसके वैज्ञानिक पहलुओं को समझाया। इसके अलावा जादू और उनके वैज्ञानिक आधारों को प्रयोगात्मक और रोचक तरीकों से छात्राओं को समझाया गया। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास परिषद (यू-कॉस्ट) के सहयोग से पर्वतीय महिला कल्याण समिति डीडीहाट इस अभियान का संचालन कर रही है। अभियान के अंतर्गत जनपद के सभी आठ विकास खंडों में विज्ञान चेतना पर आधारित कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।

अभियान दल के संयोजक विप्लव भट्ट ने बताया कि जागरूकता प्रसार के लिए वैज्ञानिक तथ्यों व भ्रांतियों पर केंद्रित साहित्य का प्रकाशन किया गया है, जिसे व्यापक पैमाने पर आम जन तक पहंुचाया जा रहा है। इसके साथ ही किशोर उम्र के युवाओं के मध्य वैज्ञानिक चेतना पर आधारित नुक्कड़ नाटक व कठपुतली नाटिका का प्रदर्शन किया जा रहा है। अभियान की शुरुआत के अवसर पर पर्वतीय महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष एवं तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त दुर्गा खड़ायत ने बताया कि विज्ञान लोकप्रियकरण पर आधारित यह कार्यक्रम पहले चरण में हर विकास खंड के चयनित इंटर कालेजों में आयोजित किया जा रहा है। इसके बाद संस्था अभियान को गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

संस्था प्रतिनिधि भावना पांडेय ने बताया कि कार्यक्रम का केंद्रीय विषय विज्ञान को व्यवहार व दिनचर्या में शामिल करना है। अंधविश्वास एवं रूढ़ियों के खतरों के प्रति आम जन को जागरूक करते हुए वैज्ञानिक जीवनचर्या को अपनाने की दिशा में व्यापक अभियान का संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण आबादी और महिलाओं को बनाया गया है। संस्था की प्रतिनिधि रेखा कुंवर ने कहा कि चूंकि अंधविश्वासों से सर्वाधिक प्रभावित महिलाएं हैं, इसलिए इसके पहले चरण को महिलाओं और किशोरियों पर केंद्रित किया गया है। अभियान दल में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत वैज्ञानिक, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, रंगकर्मी व विज्ञान शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। अभियान का प्रथम चरण दिसंबर प्रथम सप्ताह में पूर्ण होगा। मंगलवार को जीजीआईसी मूनाकोट में आयोजित आरंभिक कार्यक्रम में संयोजक विप्लव ने प्रभावी और मनोरंजक तरीके से अपने आसपास और रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल विज्ञान को छात्राओं को समझाया। कार्यक्रम में पत्रकार कुन्डल सिंह चौहान और रंगकर्मी रोहित यादव ने भी बात रखी।

कार्यक्रम के समापन पर कॉलेज की प्रधानाचार्या कनक गैड़ा ने इस तरह के अभियान को वैज्ञानिक चेतना के विकास और समाज के वैज्ञानिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। प्रवक्ता गणित मंजुला पांडेय ने कहा कि हमारी सामूहिक प्रगति के लिए वैज्ञानिक चेतना का होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए यूकोस्ट के माध्यम से पीएमकेएस की टीम प्रभावी काम कर रही है। इस अवसर पर प्रवक्ता माया रावत, अध्यापिका सुमन डसीला, अनीता पुनेड़ा, शैलजा वर्मा, हेमा भट्ट, अनुश्री कसनियाल, सुनीता पांडेय, नीतू पांडे, शीला कापड़ी, गीता जोशी, सविता पाठक, सीता आर्या, नीमा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।