राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए परिवहन विभाग ने स्कूलों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम उठाया है। अब स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा, जिससे वे यातायात नियमों के प्रति जागरूक होकर स्वयं की और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
पहले कक्षा तीन और अन्य निचली कक्षाओं के लिए सड़क सुरक्षा से जुड़ी 52,000 पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों तक पहुंचाई जा चुकी हैं, जिनके माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी दे रहे हैं। अब 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी विशेष पुस्तकें तैयार कराई जा रही हैं, जिनमें सड़क पर सुरक्षित चलने के उपाय, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के दुष्परिणाम और वाहन चलाने के दौरान सावधानियां बरतने की जानकारी दी जाएगी।
युवाओं में बिना हेलमेट गाड़ी चलाने, तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाने और शराब के नशे में ड्राइविंग जैसी खतरनाक प्रवृत्तियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा और अधिक बढ़ गया है। इन्हीं विकृतियों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए विभाग वर्ष 2022 में 350 और 2023 में 475 कार्यक्रम आयोजित कर चुका है, जबकि इस साल इससे भी अधिक जागरूकता कार्यक्रम कराने की योजना बनाई जा रही है।
इसके साथ ही व्यावसायिक वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए राज्य में स्पीड गवर्नर लगाने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 1,31,113 व्यावसायिक वाहनों में यह उपकरण लगाया जा चुका है और जल्द ही शेष सभी वाहनों में भी इसे अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा। यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित यातायात प्रणाली को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।