मानसून की बारिश ने जहां एक तरफ लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं असम में तबाही का मंजर दिखाया हुआ है। असम में बीते कई दिनों से बाढ़ ने आफत मचाई हुई है। पूरा प्रदेश 29 के 29 जिले बाढ़ की चपेट में है।
सड़कें बह गई हैं, काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बाढ़ का पानी घुस गया है, जिस कारण जानवरों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
वही 62 लोगों की लाशें मिली चुकी हैं। 21 लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। हालात इतने खराब हैं कि गृहमंत्री अमित शाह इसको लेकर बेहद चिंतित है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा से बात करके राहत कार्यों का जायजा लिया। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का बचाव अभियान जारी है। NDRF-SDRF मिलकर युद्धस्तर पर राहत कार्य कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ ने राज्य की संपदा को काफी नुकसान पहुंचाया है। सड़कें टूट गई हैं, फसलें पानी में डूब गई हैं। लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी रेस्क्यू करना पड़ रहा है। लोगों के घर बाढ़ के पानी में बह गए।
ब्रह्मपुत्र नदी उफान पर बह रही है, जिसने बारपेटा जिले के चेंगा विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले रौमारी पाथर गांव को डुबो दिया। गांव में करीब 100 परिवार रहते थे, जो आज बेघर हैं। तन पर पहने हुए कपड़े ही बचे हैं, बाकी सारा सामान बाढ़ के पानी में डूब चुका है। अभी तो राहत कैंप में शरण ले ली है, लेकिन भविष्य में क्या होगा? कहां रहेंगे और क्या खाएंगे? कुछ पता नहीं, कमाई का साधन भी नहीं बचा है।