जंगलों को आग से बचाना सभी का मुख्य दायित्व, शीतलाखेत में हुई बैठक में हुआ मंथन

Saving forests from fire is everyone’s main responsibility, brainstorming took place in the meeting held in Shitalakhet अल्मोड़ा , 04 मार्च 2024- कोसी नदी के…

Saving forests from fire is everyone’s main responsibility, brainstorming took place in the meeting held in Shitalakhet

अल्मोड़ा , 04 मार्च 2024- कोसी नदी के मुख्य रिचार्ज जोन स्याही देवी शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र के जंगलों के संरक्षण एवं संवर्धन के आह्वान को लेकर एक बैठक आयोजित की गई।


वर्ष 2003-04 से चलाये जा रहे इस जंगल बचाओ -जीवन बचाओ अभियान की बैठक उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून ( यूकोस्ट ), ग्रामोद्योग विकास संस्थान तथा जंगल के दोस्त समूह के संयुक्त तत्वाधान में उत्तर प्रदेश भारत स्काउट गाइड प्रशिक्षण केंद्र शीतलाखेत में संपन्न हुई।


बैठक में अभियान से जुड़े नौला, खरकिया, सल्ला रौतेला,स्याहीदेवी, सड़का, चम्पाखाली और शीतलाखेत की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और वन कर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सूखते गाड़, गधेरों, नौले, धारों को बचाने , नष्ट होती जैव विविधता संरक्षित करने और निरंतर बढ़ रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए जंगलों को आग और नुकसान से बचाना हर नागरिक का कर्तव्य है।

महिलाओं ने जंगलों को आग से बचाने हेतु ओण जलाने की कार्रवाई 31 मार्च से पहले पूरी करते हुए वनाग्नि रोकथाम की कार्रवाई पर जोर दिया।


वनाग्नि नियंत्रण में महिलाओं की निर्णायक भूमिका को देखते हुए महिला मंगल दलों, महिला समूहों को मजबूत, साधन संपन्न बनाने की मांग की गई.वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग कर रहे ग्रामीणों को 15 लाख रूपये का बीमा कवच देने और जंगलों के बीच फायर लाइन्स बनाने की मांग की.
बैठक की अध्यक्षता आर डी जोशी तथा
संचालन नरेंद्र बिष्ट ने किया।
बैठक में राजकीय महाविद्यालय शीतलाखेत के प्राचार्य एल पी वर्मा, गणेश पाठक,रणजीत सिंह,मनीषा सुप्याल देवेंद्र प्रसाद , कविता मेहता, महिला मंगल दलों से जुड़ी रेनू देवी,तुलसी देवी, सोनिया बिष्ट, ज्योति पाठक,नीमा बिष्ट, रोशनी फिरमाल,कविता परिहार मंजू जीना ,नवीन बिष्ट, राजू फिरमाल,प्रताप सिंह,विपिन पाठक, नारायण सिंह, पूरन सिंह, हेम पाठक, गोपाल राम सहित 5 दर्जन लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।