मेरठ में सौरभ राजपूत हत्याकांड के आरोपियों मुस्कान और साहिल को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी नशे के आदी हैं और जेल में उनके लिए यह सबसे बड़ी परेशानी बन गई है। चौधरी चरण सिंह जेल की नशा उन्मूलन केंद्र की टीम के अनुसार, साहिल सूखा नशा करता था और शराब पीता था, जबकि मुस्कान शराब के साथ-साथ इंजेक्शन से नशा लेती थी। जेल में उन्हें जब ये चीजें नहीं मिलीं तो उनकी हालत बिगड़ने लगी और वे बेचैनी महसूस करने लगे।
जेल प्रशासन ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें नशा उन्मूलन केंद्र में भर्ती कराया, जहां अब उनका इलाज चल रहा है। दोनों ने दबी आवाज में नशे की मांग भी की थी, लेकिन अब दवाओं की मदद से उनकी हालत में सुधार हो रहा है। जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि शुरुआत में दोनों बेचैन थे, लेकिन अब वे खाना खाने लगे हैं और खुद को दूसरी चीजों में व्यस्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस हत्याकांड से जुड़े आर्थिक पहलू की जांच में भी अहम जानकारी सामने आई है। सौरभ लंदन में रहता था और हर महीने मुस्कान को एक लाख रुपये भेजता था। हत्या से कुछ दिन पहले भी उसने एक लाख रुपये मुस्कान के खाते में ट्रांसफर किए थे। वहीं, साहिल को लेकर यह खुलासा हुआ है कि वह चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की पढ़ाई कर रहा था और उसके घरवाले उसकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करते थे। हालांकि, उसे अधिक पैसों की जरूरत थी, जिसके लिए वह सट्टेबाजी का सहारा लेता था।
सौरभ और मुस्कान के परिजनों का दावा है कि मुस्कान, सौरभ द्वारा भेजे गए पैसे साहिल के जरिए सट्टेबाजी में लगाती थी और जीते हुए पैसों से दोनों ऐश करते थे। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है और अगर यह आरोप सही साबित हुए तो मुस्कान और साहिल के खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है। फिलहाल, पुलिस की प्राथमिकता उनके स्वास्थ्य को स्थिर करना है ताकि जल्द से जल्द उनके बयान दर्ज किए जा सकें और मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके।