संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने NPFAM को पूरी तरह खारिज किया, आंदोलन की रणनीति तय की

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की जनरल बॉडी की बैठक में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति फ्रेमवर्क (NPFAM) को तीन काले कृषि कानूनों का…

Samyukta Kisan Morcha (SKM) completely rejected NPFAM, decided the strategy of the movement

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की जनरल बॉडी की बैठक में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति फ्रेमवर्क (NPFAM) को तीन काले कृषि कानूनों का नया संस्करण मानते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया गया। SKM ने इसे किसानों और राज्य सरकारों के खिलाफ साजिश करार दिया और इसके खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की।

SKM की प्रमुख मांगें:

NPFAM की वापसी।
सभी फसलों के लिए C2+50% फॉर्मूले पर MSP की कानूनी गारंटी।
सभी किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए कर्ज माफी।
9 दिसंबर 2021 की लंबित मांगों को पूरा करना।
इसके अलावा, SKM ने 5 मार्च 2025 से राज्यों की राजधानियों, जिला और उप-मंडल स्तर पर पक्के मोर्चे स्थापित करने की घोषणा की है। SKM का उद्देश्य राज्य विधानसभाओं से NPFAM को खारिज करने के प्रस्ताव पारित कराना है। इसके साथ ही, महापंचायतों और सम्मेलनों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का भी निर्णय लिया गया है।

किसान नेताओं का कहना: SKM के नेताओं ने NPFAM को सरकारी मंडियों पर सीधा हमला बताया और आरोप लगाया कि सरकार मंडियों का निजीकरण कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि यह नीति खेती को फ्यूचर ट्रेड और शेयर मार्केट से जोड़ने की कोशिश है और यह डब्ल्यूटीओ और वर्ल्ड बैंक की सिफारिशों के अनुरूप बनाई जा रही है।

लागत और MSP पर विचार: SKM ने यह भी स्पष्ट किया कि NPFAM में MSP की घोषणा, सरकारी खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए खाद्यान्न भंडारण का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल बफर स्टॉक तक सीमित है, जो किसानों के हितों के खिलाफ एक बड़ा कदम है।

श्रम संहिताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया: SKM ने NDA-3 सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू करने के हालिया प्रयास की भी कड़ी निंदा की और भारत भर में ट्रेड यूनियनों और श्रमिकों द्वारा किए जा रहे प्रतिरोध का समर्थन किया।

जनप्रतिनिधिमंडल और प्रदर्शन: SKM ने सांसदों से मिलने के लिए 8 और 9 फरवरी 2025 को सांसदों के कार्यालयों/निवास के सामने जनप्रतिनिधिमंडल का आयोजन करने का आह्वान किया है। इस दौरान, SKM सांसदों से NPFAM को खारिज करने और किसानों के पक्ष में खड़े होने की अपील करेगा।

SKM जनरल बॉडी की बैठक में शामिल नेताओं: बैठक की अध्यक्षता हन्नान मोल्लाह, जोगिंदर सिंह उग्रहान, राकेश टिकैत, रेवुला वेंकैया, सत्यवान और डॉ. सुनीलम ने की। बैठक में 12 राज्यों के 73 किसान संगठनों के 165 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।