डेस्क। कहा जाता है कि पढ़ने—लिखने व सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। उत्तराखंड के एक रिटायर्ड सूबेदार मेजर ने इस वाक्ये को चरितार्थ कर डाला। 79 साल के बुजुर्ग ने हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास कर मिसाल पेश की है। इस मामले को लेकर वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए है।
जिस उम्र में व्यक्ति तमाम स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहा होता है या यह कहे की व्यक्ति की सोचने, समझने की शक्ति कम हो जाती है। उस उम्र में मूल रूप से पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट, चनौला निवासी दानी राम ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से इस वर्ष 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है।
दरअसल दानी राम सीआरपीएफ से सूबेदार मेजर के पद से वर्ष 1995 में रिटायर्ड हुए। 8वीं पास करने के बाद वह वर्ष 1960 में तब की टेरीटोरियल आर्मी आईआर बटालियन में भर्ती हुए, जो नेफा में तैनात थी और अंग्रेजों के दौर में पंजाब रेजीमेंट में शामिल थी। बाद में यह सीआरपीएफ बना दी गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 1968 में बटालियन में थर्ड क्लास पास कर लैस नायक, वर्ष 1969 में सेकंड क्लास पास कर हवलदार, 1971 में प्रथम क्लास पास कर सब इंस्पेक्टर व 1995 में 28 बटालियन सीआरपीएफ मद्रास से सूबेदार मेजर पद से सेवानिवृत्त हुए। वह वर्तमान में अपने परिवार के साथ चकरपुर सितारगंज में रहते है।
दानी राम ने बताया कि उन 1993 में जब उनका नाम असिस्टेंट कमांडेंट के लिए आया था, तब हाईस्कूल पास न होने से उन्हें यह पद नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि अगर वह 10वीं पास होते तो शायद उन्हें असिस्टेंट कमांडेंट पद मिल जाता। लेकिन हाईस्कूल पास नहीं होने व पद नहीं मिलने की कसक उनमें थी।
राइंका थारू के गुरुजन नरेंद्र रौतेला की प्रेरित करने पर उन्होंने आखिरकार 10वीं की परीक्षा देने का निर्णय लिया। जिसमें वह सफल हुए। यही नहीं बल्कि 79 की उम्र में हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास कर उन्होंने स्कूल छोड़ने व पढ़ाई से मोह त्यागने वाले युवाओं को भी आईना दिखाया है, अगर पढ़ने—लिखने व सीखने का जज्बा हो तो फिर उम्र चाहे कितनी भी हो वह आपने जज्बे को नहीं रोक सकती।
रिटायर्ड सूबेदार मेजर दानी राम ने 60.2 फीसदी अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनका कहना है कि 1993 में जो कसक बाकी रह गई थी वह उन्होंने पूरी कर ली। उनका अगला लक्ष्य 12वीं पास करना है। दानी राम के 3—3 पुत्र—पुत्री है। जिसमें बड़ा पुत्र बलबीर प्रसाद सीआरपीएफ, राजकुमार आरपी रेजीमेंट में सूबेदार, कौशल किशोर दिल्ली पुलिस के फायर ब्रिगेड में इंजीनियर और कौशल की पत्नी डॉ. सीमा आर्या डीएवी कॉलेज कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
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