सल्ट उपचुनाव (Salt by-election) के चलते भाजपा के गले में अटका आईएमपीसीएल का मामला, न उगलते बन रहा है न निगलते

सलीम मलिकरामनगर, 10 अप्रैल 2021 रामनगर। अल्मोड़ा-नैनीताल जनपद की सीमा पर अल्मोड़ा जिले में स्थित केंद्र सरकार के उपक्रम “इंडियन मेडिकल फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड” (आईएमपीसीएल)…

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सलीम मलिक
रामनगर, 10 अप्रैल 2021

रामनगर। अल्मोड़ा-नैनीताल जनपद की सीमा पर अल्मोड़ा जिले में स्थित केंद्र सरकार के उपक्रम “इंडियन मेडिकल फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड” (आईएमपीसीएल) आर्युवैदिक औषधि कारखाने के निजीकरण का मामला सल्ट उपचुनाव Salt by-election के चलते भारतीय जनता पार्टी के गले की हड्डी बन गया है।


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सल्ट विधानसभा (Salt by-election) में चल रहे उपचुनाव के कारण कारखाने को निजी हाथों में दिये जाने की प्रक्रिया को मजदूरों की तमाम गुहार लगाने के बाद भी न रोकने वाली भाजपा सरकार के नेताओं को इस मुद्दे पर मुंह छिपाते हुए उपचुनाव में राजनैतिक समीकरण बिगड़ने के कारण झूठे आश्वासन देने को मजबूर होना पड़ रहा है।


जिसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट को सल्ट उपचुनाव Salt by-election में प्रचार के लिए जाने के लिए इस कारखाने से गुजरते हुए आईएमपीसीएल में रुकना पड़ा।

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कर्मचारियों ने सांसद को अपने बीच पाकर उनसे कारखाने के निजीकरण का मामला उठाया तो सांसद भट्ट ने उन्हें इस मामले में मौके से ही दूरभाष पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से वार्ता कर कर्मचारियों को बहलाने की कोशिश की।

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जबकि इस कारखाने के विनिवेश की पूरी प्रक्रिया विनिवेश मंत्रालय द्वारा की जा रही है जो की इस समय अंतिम प्रक्रिया में है। इस मामले में ठेका मजदूर कल्याण समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा ने भाजपा सांसद अजय भट्ट के आईएमपीसीएल के विनिवेश रोकने के, बयान को ढोंग-ढकोसला व लोगों को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा कि आईएमपीसीएल के विनिवेश के खिलाफ पिछले तीन वर्षों से वह लगातार आवाज उठा रहे हैं।

लेकिन भाजपा सरकार ने इस वर्ष दो लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य लिया है। जिस कारण पहाड़ में हजारों लोगों को रोजगार देने वाली मिनी नवरत्न कम्पनी आईएमपीसीएल को केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर उतारू है।

आईएमपीसीएल कारखाना सल्ट क्षेत्र में आता है और सल्ट में इस समय विधानसभा Salt by-election के उप चुनाव चल रहे हैं। चुनाव हारने के डर से अजय भट्ट आईएमपीसीएल के विनिवेश को रोकने की बात कह रहे हैं जबकि उन्हें यह भी नहीं पता कि इस कारखाने के विनिवेश की प्रक्रिया का अब केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री स्तर से कोई लेना-देना नहीं है।

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भट्ट बिना किसी जानकारी के सल्ट उपचुनाव में इलाके के लोगों के वोट हासिल करने के लिए वैसा ही जुमला फेंक रहें हैं जैसा कभी “अच्छे दिन” का जुमला नरेंद्र मोदी फेंककर सत्ता में आ चुके हैं। कर्मचारी नेता शर्मा ने कहा कि सांसद अजय भट्ट ईमानदारी सेआईएमपीसीएल का विनिवेश रोकना चाहते हैं तो उन्हें भाजपा सरकार की विनिवेश नीति का विरोध करते हुए भाजपा से इस्तीफा देकर क्षेत्र की जनता और मजदूरों को साथ लेकर भाजपा सरकार की विनिवेश नीति के खिलाफ संघर्ष की अगुवाई करनी चाहिए।

यह लेखक के निजी विचार है।

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