शहादत को सलाम:- जब तक सूरज चाँद रहेगा खेम दा तेरा नाम रहेगा भारत माता की जय के नारों से गूंजा बेतालघाट महाविद्यालय परिसर

बेतालघाट सहयोगी -शहीद खेमचंद्र डौर्बी की 5 वी पुण्यतिथि शुक्रवार को उनके नाम को समर्पित बेतालघाट महाविद्यालय में मनाई गई| शहीद खेमचंद्र डौर्बी का जन्म…

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बेतालघाट सहयोगी -शहीद खेमचंद्र डौर्बी की 5 वी पुण्यतिथि शुक्रवार को उनके नाम को समर्पित बेतालघाट महाविद्यालय में मनाई गई|
शहीद खेमचंद्र डौर्बी का जन्म 15 अगस्त 1976 को बेतालघाट ब्लाक के चंद्रकोट गाँव मे हुआ था उनके पिता लीलाधर डौर्बी भारतीय सेना से रिटायर्ड है | पिता के अनुसरण जीवन और फौज की वर्दी को देखकर राइका बेतालघाट से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद खेमचंद डौर्बी 16 दिसंबर 1996 को भारतीय सेना के 20 कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हो गया खेमचंद डौर्बी सेना में जोखिम भरे कार्य को करने के लिए सबसे आगे रहा करते थे इसी कार्य को देखते हुये वर्ष 2014 में खेमचंद डौर्बी की पोस्टिंग 50 राष्ट्रीय रायफल में हो गई इससे पहले उनके कार्यो को देखकर उन्हें 15 से ज्यादा बार सेना द्वारा सम्मानित किया गया था दिनांक 6 सितंबर 2014 को जम्मू कश्मीर के सैम्बर गांव में आयी भयंकर बाढ़ का बचाव कार्य करने का दायित्व खेमचंद डौर्बी को सौंपा गया अपनी जान व परिवार की परवाह किए बिना नायक खेमचंद्र डौर्बी अपने 6 साथियों के साथ काकापुर जिले के सैम्बर नामक गांव में लोगों को नाव द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे थे ग्रुप लीडर होने के नाते खेमचंद्र डौबी ने स्वेच्छा से आगे आकर लगभग 300 लोगो से ज्यादा की जान बचाई और वहां फंसे कुछ लोगो को बचाने के चक्कर मे वो बाढ़ के तेज बहाव के आवेग मै आ गये और नाव पलट गयी जिससे उन्होंने अपने परिवार के बैगर चिन्ता व कर्तव्य का निर्वाह करते हुए देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिऐ असाधारण पराक्रम उच्चतम परमपरा के सेना अनुरूप अपने जीवन का बलिदान देने वाले वीर युद्भा नायक खेमचंद्र डौर्बी को भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा दिनांक 15 जनवरी 2016 को सेना पदक (गैलेंट्री) से विजेता मरणोपरांत से सम्मानित किया गया वही उनका परिवार आज भी 6 सितम्बर तक हिन्दू रीति रिवाज से बैगर लहसुन, प्याज से श्रदांजलि देते है उनके पिता लीलाधर डौर्बी व वीरांगना प्रेमा डौर्बी व भाई रंजन डौर्बी ने आँखों मे आशु आते आते कहा मुझे मेरे पूरे परिवार को भारतीय सेना पर गर्व है उनके परिजनों का कहना है कि वर्तमान सरकार ने रा0 महा विद्यालय का शहीद खेमचंद्र डौर्बी के नाम रखने पर पूरे शहीदो के प्रति सरकार हितैषी है वही वीरांगना प्रेमा डौर्बी ने वर्तमान उत्तराखंड सरकार व विधायक संजीव आर्या के प्रयासों को सराहना की कहा शहीद परिवार से लगातार 3 बिंदुओं पर पत्राचार के माध्यम से बार बार लिखा गया था जिसमें रा. महा विद्यालय को शहीद खेमचंद्र डौर्बी जो पूर्ण कर दिया है उसके बाद बेतालघाट में शहीद स्मारक व शहीद परिवार से शिक्षा के स्तर को देखकर नौकरी की मांग की वही प्रेमा डौर्बी ने बताया कि वह अपने पुत्र आदित्य 9 बर्ष व साक्षी पुत्री 12 को सेना में भेजने का मन बना चुकी है आदित्य के सैनिक विद्यालय घोड़ाखाल में चयन के लिये अभी से प्रयासरत है शहीद खेमचंद्र का दूसरा भाई नीरज डौर्बी भी भारतीय सेना में है और तीसरा रंजन डौर्बी एक काँस्मेटिकिस की दुकान बेतालघाट में ही चलाता है |
उनको आज शहीद खेमचंद्र डौर्बी रा0 महाविद्यालय बेतालघाट में परिजनों, व्यापार मण्डल व विद्यालय स्टाफ,व छात्र छात्राओं द्वारा उनकी शहादत पर उनके छायाचित्र के सम्मुख श्रद्धांजलि पुष्प अर्पित किया जाएगा यही नही़ बेतालघाट के अधिकांश युवाओं द्वारा अपने फेसबुक वॉल,व्हाट्सएप ,व इंस्ट्राग्राम आदि के माध्यमो से याद किया|