दूध की बढ़ती कीमतों से आम जनता पर महंगाई की दोहरी मार

देश में पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए एक और बुरी खबर आई है। दूध की कीमतों में दो…

Rising milk prices have hit the common man with double inflation

देश में पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए एक और बुरी खबर आई है। दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को अब गाय के दूध के लिए 58 रुपये और भैंस के दूध के लिए 74 रुपये प्रति लीटर चुकाने होंगे। इस फैसले से आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, वहीं दूध उत्पादक किसान भी अपनी समस्याओं को लेकर नाखुश नजर आ रहे हैं।

पुणे जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड (कात्रज डेयरी) में दूध उत्पादक और प्रसंस्करण कल्याणकारी संघ की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। दूध उत्पादकों का कहना है कि गर्मी के मौसम में चारे और पानी की कमी के कारण उत्पादन लागत बढ़ गई है, जिससे किसानों को भी नुकसान हो रहा था। इसी वजह से दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया था।

इस फैसले के बाद आम उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। गृहिणियों का कहना है कि दूध आवश्यक वस्तु है और बच्चों के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए इसकी कीमतों में बार-बार बढ़ोतरी से परिवारों का बजट बिगड़ रहा है। वहीं, दूध विक्रेताओं को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गर्मी में दूध को स्टोर करने के लिए फ्रिज और बिजली का खर्च बढ़ जाता है। दुकानदारों का कहना है कि कीमत बढ़ने से उनकी बिक्री पर असर पड़ सकता है, जबकि मुनाफा पहले से ही बहुत कम है।

इस बढ़ोतरी के साथ ही दूध की शुद्धता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दूध उत्पादक संघ के सचिव ने बताया कि जल्द ही पनीर में मिलावट और किसानों को लंबित सब्सिडी दिलाने के लिए डेयरी विकास मंत्री और आयुक्त से मुलाकात की जाएगी। उपभोक्ताओं और किसानों की इस परेशानी के बीच अब सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह दूध की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी।

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