कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर दौरे पर रहें। यहां लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने मणिपुर की त्रासदी को ”भयंकर” करार देते हुए कहा कि पिछले साल मई में हिंसा शुरू होने के बाद से यह राज्य की उनकी तीसरी यात्रा है, लेकिन उन्हें ”स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित लोगों की पीड़ा सुनने और उनमें विश्वास जगाने के लिए राज्य के दौरे पर पहुंचे है।
उन्होंने कहा कि ‘‘हम मणिपुर में शांति लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। विपक्ष में होने के नाते मैं सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हूं।’’
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब पत्रकारों ने सवाल पूछे तो राहुल गांधी ने कहा, “…मैं जो कह रहा हूं, उसका सम्मान करें। मैं यहां एक स्पष्ट संदेश देने आया हूं, मैं ऐसे सवालों का जवाब देने में दिलचस्पी नहीं रखता जो मुद्दे को भटकाने के लिए बनाए गए हों…मैंने अपना बयान दे दिया है।” उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर भारतीय संघ के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है।”
राहुल गांधी ने काहा, मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, वह उन्होंने भारत में कहीं नहीं देखा। उन्होंने जोर दिया कि हिंसा और घृणा से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है, जबकि सम्मान व संवाद से इसका समाधान निकल सकता है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘समस्या शुरू होने के बाद से मैं तीसरी बार यहां आया हूं। यह एक बहुत बड़ी त्रासदी रही है। मुझे उम्मीद थी कि स्थिति में कुछ सुधार होगा। लेकिन, मैं यह देखकर काफी निराश हुआ हूं कि स्थिति अब भी वैसी नहीं हुई है, जैसी होनी चाहिए।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं, मैं आपकी मदद करना चाहता हूं और मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता हूं।मैं जो भी कर सकता हूं, करने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस यहां शांति बहाल करने के लिए जो भी कर सकती है, करने के लिए तैयार है।’’