अल्मोड़ा। बिनसर वन्य जीव विहार के समीपवर्ती क्षेत्र को इको सेंसटिव जोन बनाये जाने हेतु वनविभाग द्वारा राजि कार्यालय अयारपानी में आयोजित जनसुनवाई में अभयारण्य प्रशासन को भारी जनविरोध का सामना करना पड़ा।वनाधिकारी उपस्थित जनता से इको सेंसटिव जोन के प्रस्तावों पर सुझाव देने का बारबारआग्रह करते रहे, लेकिन जनता इस बात परअड़ी रही कि उन्हें किसी भी कीमत पर इको सेंसटिव जोन स्वीकार नहीं है।उन्होंने इसआशय का सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नईदिल्ली को संबोधित ज्ञापन वन संरक्षक प्रवीण कुमार को सौंपा।
बिनसरअभयारण्य के चारों तरफ के 3 दर्जन से अधिक गांवों से सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने इको सेंसटिवजोन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने कहा 2012 सेइस क्षेत्र की शतप्रतिशत जनता इको सेंसटिवजोन का विरोध कर रही है।इस संदर्भ दर्जनों बैठकें व धरना प्रदर्शन किये जा चुकेहैं।बावजूद इसके यहां जबरन इकोसेंसटिव जोन बनाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए वनविभाग के सर्वोच्चअधिकारियों द्वारा झूठी बयानबाजी की जाती रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ग्रामीणों ने कहा कि बिनसर वन्य जीवविहार की स्थापना के बाद से ही जनता तमाम परेशानियों से जूझ रही है।विकास कार्य ठप है। इकोसेंसटिव जोन बनने से ग्रामीणों की परेशानियांऔर अधिक बढेंगी।उन्होंने आरोप लगाया कि वनविभाग जंगल की सुरक्षा करने में नाकाम रहा है।हर साल जंगल दावानल की भेंट चढ़ रहाहै। ग्रामीणो के परंपरागत वनाधिकार समाप्त होने से दावानल नियंत्रण में ग्रामीणों का वांछित सहयोग नहीं मिल पा रहा है।इकोसेंसटिव जोन बनने से वन व जन की दूरीऔर बड़ेगी तथा जनसहयोग न मिलने पर वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
जनसुनवाई को वनसंरक्षक प्रवीणकुमार, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम के.एस. रावत, प्रभागीय वनाधिकारी बागेश्वर बी.एस.शाही, रेंजर केवलानंद पांडे,वनपंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष डूंगर सिंह भाकुनी, उत्तराखण्ड संसाधन पंचायत के संयोजक ईश्वरजोशी, ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुनील बाराकोटी, मल्ला स्यूनरा विकास मंच के चन्दन सिंह बिष्ट, गैराड़ धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष रमेश सिंह, गिर्दा स्मृमि मंच के महेश जोशी, लाल सिंह, तारा नगरकोटी, रेखा, बिशन राम, राजेन्द्र भाकुनी, कनिष्ट प्रमुख जगमोहन, आदि ने संबोधित किया।