उत्तरा न्यूज अल्मोड़ा: विश्व पर्यावरण सम्मेलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान(Govind Ballabh Pant National Institute of Himalayan Environment and Sustainable Development) ने युवा शोधार्थी सौरभ सिंह नेगी को बधाईयां दी है.
बीते दिनों दिल्ली के बल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टटीयूट यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली(Ballabhbhai Patel Chest Institute University of Delhi) में यह दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. पर्यावरण एवं सामाजिक विकास संघ(Environment and Social Development Association) की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में युवा शोधार्थी सौरभ सिंह को प्रतिभाग का अवसर मिला.
युवा शोधार्थी सौरभ सिंह द्वारा यहां जलागमों में वन घनत्व के अध्ययन हेतु सेलुलर आटोमेटा प्रारूप(Environment and Social Development Association) की उपयोगिता विषय पर अपना शोध पत्र पढ़ा गया और मध्य हिमालयी क्षेत्र में इस प्रारूप द्वारा जलागम क्षेत्रों में वन क्षेत्रों में आने वाले परिवर्तनों के अध्ययन में इसकी उपयोगिता को बताया.सौरभ की गणित आधारित वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार 2030 तक कोसी जलागम क्षेत्रों में वन क्षेत्र में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
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यहां विश्व स्तर पर बदलते पर्यावरण और उसके विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों के साथ पर्यावरणीय कानूनों आदि पर गहन मंथन किया गया. जलपुरूष राजेंद्र सिंह, पद्मश्री एमसी मेहता, पर्यावरणविद् पदमभूषण चंडी प्रसाद भटट, डीएसटी वैज्ञानिक डा. राजकुमार जोशी, डा. जितेंद्र के नागर, पर्यावरणविद् व पत्रकार ज्ञानेंद्र रावत, मेंडेज विश्वविद्यालय अमेरिका(Mendez University USA) के चाॅसलर डाॅ ऐंजेल लोपेज सहित अनेक विषय विशेषज्ञों को भी इस मंथन में आमंत्रित किया गया था। दो दिन के इस आयोजन में 250 से अधिक विभिन्न वैज्ञानिकों और शोधार्थियों द्वारा यहां अपने शोधपत्र और पोस्टर माॅडल भी प्रस्तुत किए.
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उत्तराखण्ड से गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान से युवा शोधार्थी सौरभ सिंह द्वारा यहां जलागमों में वन घनत्व के अध्ययन हेतु सेलुलर आटोमेटा प्रारूप की उपयोगिता विषय पर अपना शोध पत्र पढ़ा गया और मध्य हिमालयी क्षेत्र में इस प्रारूप द्वारा जलागम क्षेत्रों में वन क्षेत्रों में आने वाले परिवर्तनों के अध्ययन में इसकी उपयोगिता को बताया.
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अपने इस गणितीय माॅडल पर वह बतौर जेआरएफ संस्थान के डाॅ संदीपन मुखर्जी के मार्गनिर्देशन में कार्य कर रहे हैं. कोसी जलागम क्षेत्र में अध्ययन के आधार पर उन्होंने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र में वन क्षेत्र में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होगी.
उन्होंने वर्ष 1999 से 2017 तक आंकड़ों का इस प्रारूप में प्रयोग कर गहन विश्लेषण के आधार पर यह अध्ययन प्रस्तुत किया. इसके पानी और अन्य घटकों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा.
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उनकी इस प्रस्तुति को तीसरी उत्कृष्ट प्रस्तुति माना गया और उन्हें एवार्ड देकर सम्मानित किया गया है. इस वृहद सम्मेलन से प्रतिभाग कर लौटे युवा शोधार्थी सौरभ सिंह की इस उपलब्धि पर संस्थान के निदेशक डाॅ आर एस रावल, डाॅ संदीपन मुखर्जी, ई0 किरीट कुमार सहित उनके सहयोगियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। ज्ञातव्य है कि बागेश्वर सनिउडियार निवासी सौरभ सिंह सैन्यकर्मी रहे नंदन सिंह नेगी के पुत्र हैं और यहां न्यू इंदिरा कालोनी खत्याड़ी अल्मोड़ा में निवास करते हैं. उन्होंने एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा से रिमोट सेंसिंग और जीआईएस में एमएससी पूर्ण की है।