कोरोना(Corona) की मार, रस्म अदायगी तक सीमित रहा पाली पछाऊं का ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेला (syalde bikhotee mela)

अल्मोड़ा, द्वाराहाट 12 अप्रैल 2020कत्यूरी काल से चला आ रहा पाली पछाऊँ का ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेला (syalde bikhotee mela)इस बार केवल रस्म अदायगी तक…

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अल्मोड़ा, द्वाराहाट 12 अप्रैल 2020
कत्यूरी काल से चला आ रहा पाली पछाऊँ का ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेला (syalde bikhotee mela)इस बार केवल रस्म अदायगी तक सीमित रहा. सोमवार यानि आज सरकार व प्रशासन के नियमों का अनुपालन करते हुए बटपुजै मेले के तहत चौराहे पर सादगी के साथ ओड़ा भेंटा गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खासा ध्यान रखा गया.

पूरे विश्व में पांव पसार चुके कोरोना वायरस (Corona) के चलते देश में 14 अप्रैल यानि मंगलवार तक लॉक डाउन घोषित किया है. इस वैश्विक महामारी का प्रभाव समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पड़ा है. देवभूमि में जगह—जगह होने वाले ऐतिहासिक मेलें भी इसकी भेंट चढ़ चुके है.

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पाली पछाऊँ का ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेला ​(syalde bikhotee mela) इन दिनों जहां सांस्कृतिक, पारंपरिक व रंगारंग कार्यक्रमों से सराबोर रहता था इस बार यह मेला केवल रस्म अदायगी तक सीमित रह गया.

सोमवार को यानि आज अपनी बारी के अनुसार नौज्यूला धड़े के मेलार्थियों ने कोरोना महामारी के चलते सामाजिक दूरी बनाकर ओड़ा स्थल पर धूपबत्ती कर सूक्ष्म रूप से रस्म अदाएगी की. इस दौरान विधायक महेश नेगी, मेला समिति एवं नगर पंचायत अध्यक्ष मुकुल साह, उपजिलाधिकारी आरके पांडेय, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी समेत मेले से जुड़े कई लोग मौजूद थे.

इससे पूर्व रविवार को बिखोती मेले की रस्म भी ऐतिहासिक शिव मंदिर विभांडेश्वर में सम्पंन हुई. जिसमें बारी के अनुसार दयाल पुजारी ने निशानों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की और शिव मंदिर में शिवलिंग के ऊपर कुंभ भी लटकाया गया. यह कुंभ सावन महीने की पहली गते को उतरेगा.

मुख्य स्याल्दे मेला जो 14 अप्रैल यानि मंगलवार को होगा. इसमें अपनी बारी के अनुसार आल व गरख धड़े के प्रमुख धूपबत्ती कर रश्म अदायगी करेंगे. बताते चले कि ओढ़ा भेंटने की रस्म के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया. इस मौके पर विखोती मेला (syalde bikhotee mela) अध्यक्ष रमेश पुजारी, तारा दत्त पुजारी, नवीन पुजारी शामिल रहे.