राज्यसभा चुनाव-हिमाचल में ऑपरेशन लोटस की आहट के बीच 9 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग,यूपी में भी हुई क्रास वोटिंग!

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है.बताया जा रहा है कि 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर…

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राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है.बताया जा रहा है कि 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग को ऑपरेशन लोटस की आहट के तौर पर देखा जा रहा है।

राज्यसभा चुनाव में अब हर जगह खेल होता नजर आ रहा है जहां हिमाचल में लोगों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं यूपी में सपा के आधे दर्जन से अधिक विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट में अब कांग्रेस के भी आधा दर्जन से अधिक विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 9 से अधिक विधायक बीजेपी की पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। वहीं राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के पीछे हिमाचल प्रदेश की गुटबाजी को मुख्य वजह कहा जा रहा है।

कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ भाजपा ने वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया था। हर्ष महाजन के कांग्रेस के कई विधायकों के साथ अच्छे संबंध है इसे लेकर कांग्रेस सतर्क हो गया था। एक दिन पहले ही विधायक दल की बैठक में विधायकों को पार्टी लाइन पर रहकर वोट करने के लिए कहा गया था। कांग्रेस ने कहा कि वोट किसको दे रहे हैं यह विधायकों को पोलिंग एजेंट को दिखाना होगा।


बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कहा है कि मैं सबको जानता हूं। मैंने सबसे वोट मांगा है। अब रिजल्ट आएगा तब पता चल जाएगा। उन्होंने क्रॉस वोटिंग को लेकर सवाल पर कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो हमारी गलती थोड़ी है।कांग्रेस के विधायक सीएम की कार्यशैली से नाराज हैं। इसी नाराजगी में क्रॉस वोटिंग हुई है जो उनकी गलती है।

राज्यसभा के बदले गणित से कांग्रेस की सुक्खू सरकार भी खतरे में आ जाएगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्ट्रेंथ 68 विधायकों की है। कांग्रेस के 40, बीजेपी के 25 और दो निर्दलीय समेत तीन अन्य विधायकों का समर्थन भी सुक्खू सरकार के साथ है। यानी कांग्रेस के पक्ष में 43 विधायक हैं और बीजेपी के पास 25 अब अगर नौ विधायकों ने कांग्रेस की जगह बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है तो ऐसी स्थिति में बीजेपी का वोट गणित 34 पहुंच जाएगा। कांग्रेस भी 43 से घटकर प्रथम वरीयता के 34 वोट पर आ जाएगी।

अगर दोनों में से किसी भी दल के पास यह संख्याबल नहीं रहा तो बात दूसरी वरीयता के वोट पर जाएगी।विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पार्टी लाइन से हटकर कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। मतदान से ठीक पहले तक वह यह भरोसा जाता रहे थे कि विधायक अपनी अंतरात्मा से वोट करेंगे। जयराम ठाकुर के दावे के बाद सुजानपुर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के बयान ने कांग्रेस की टेंशन को और बढ़ा दिया।

राजेंद्र राणा जब मंत्री नहीं बनाए गए तो उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सुजानपुर के मतदाताओं का यह अपमान है। उन्होंने कहा कि मंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी लेकिन अब मेरे मंत्रिमंडल में शामिल होने का सवाल नहीं है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसी चर्चा भी सामने आई बताया जा रहा है कि कई विधायक मंत्री नहीं बनाए गए।