सिरतोली के राजेंद्र को आपदा मद से नहीं मिली एक अदद दीवाल

ललित मोहन गहतोड़ी चम्पावत। काली कुमाऊं का खूबसूरत आदर्श गांव सिरतोली विकास खंड पाटी में स्थित है। गांव जितना प्राकृतिक रूप से सुंदर है उतना…

ललित मोहन गहतोड़ी चम्पावत। काली कुमाऊं का खूबसूरत आदर्श गांव सिरतोली विकास खंड पाटी में स्थित है। गांव जितना प्राकृतिक रूप से सुंदर है उतना यदि यहां विकास हो गया होता तो इस गांव की तस्वीर ही कुछ और होती।

गांव आदर्श तो है लेकिन स्वयं के बलबूते। वरना यहां आज से २३ वर्ष पहले आपदा की जद में आई थी नवनिर्मित भवन की पिछली दीवाल भी अब तक नहीं सुधर सकी है। बारिश की रात गुजारना इस परिवार के लिए भयावह स्थिति है। यह दीवार कभी भी भरभरा कर गिरने से जानमाल का नुक़सान हो सकता है।

गौरतलब है कि सिरतोली निवासी राजेंद्र प्रसाद पुत्र गंगादत्त के नवनिर्मित भवन की पिछली दीवाल 1996 में आपदा की जद में आने से मकान के अंदर की ओर धस गई। प्रभावित परिवार की ओर से तत्कालीन ग्राम प्रधान के माध्यम से दीवाल का पुनर्निर्माण और मुआवजे की कार्रवाई की गई। लेकिन 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक क्षतिग्रस्त मकान की दीवाल नहीं बनाई गई है।

बकौल राजेंद्र का कहना है कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है। मकान क्षतिग्रस्त होने से बार बार अवगत कराने के बाद दो बार महज 15-15 सौ रुपए उन्हें दिया गया। जो उनकी गरीबी का मजाक मात्र है।