अभी अभी संस्कृति करें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की स्तुति श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं ॥ कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं ।पटपीत मानहुँ तडित… Newsdesk Uttranews 8 Oct, 20197:10 AM श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं ॥ कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं ।पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचिनोमि जनक सुतावरं ॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानवदैत्य वंश निकन्दनं ।रघुनन्द आनन्द कन्द कोशलचन्द दशरथ नन्दनं ॥ शिर मुकुट कुंडल तिलकचारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।आजानु भुज शर चाप धरसंग्राम जित खरदूषणं ॥ इति वदति तुलसीदास शंकरशेष मुनि मन रंजनं ।मम् हृदय कंज निवास कुरुकामादि खलदल गंजनं ॥ मन जाहि राच्यो मिलहि सोवर सहज सुन्दर सांवरो ।करुणा निधान सुजान शीलस्नेह जानत रावरो ॥ एहि भांति गौरी असीस सुन सियसहित हिय हरषित अली।तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनिमुदित मन मन्दिर चली ॥ Read More अल्मोड़ा:: ध्रुव रावत ने युगांडा इंटरनेशनल चैलेंज 2025 में रजत पदक जीतकर रचा इतिहासBy editor1 23 Feb, 2025 Post navigation Previous Previous post: दुर्गा पंडालों में हुआ कन्या पूजन,हवन और भंडारा,लगा रहा श्रद्धालुओं का तांताNext Next post: बधाई: शिक्षक डॉ. हेम चंद्र तिवारी की पुस्तक ‘चण्डकौशिकम का समीक्षात्मक अध्ययन’ प्रकाशित — विद्यार्थियों, साहित्य प्रेमियों व शोधार्थियों के लिए होगी सहायक