आयोग के अध्यक्षों को जांच से बाहर रखने पर प्रीतम सिंह ने उठाए सवाल

देहरादून। पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने विधानसभा सचिवालय सहित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों पर कहा है कि…

Pritam singh

देहरादून। पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने विधानसभा सचिवालय सहित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों पर कहा है कि विधानसभा की भर्तियों से संबंधित जानकारी सूचना अधिकार में नहीं दी जा रही है। उन्होंने मांग की है कि भर्तियों की जांच वर्ष 2000 से ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि छोटी मछलियों पर जाल फेंकने से बात नहीं बनने वाली।

कहा कि जब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में इतने बड़े पैमाने पर पेपरलीक का रैकेट सामने आ गया है तो आयोग के अब तक के दोनों अध्यक्षों को किस आधार पर क्लीन चिट दी गई है। आरोप लगाया है कि एसआईटी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है।

प्रीतम ने यह भी कहा है कि में बैकडोर भर्ती की जांच वर्ष 2000 से अब तक की जानी चाहिए, क्योंकि सभी भर्तियों का पैटर्न एक समान है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस भर्ती की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की आवश्यकता है।

उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की है कि विधानसभा में भर्तियों के विषयक जानकारी के लिए लगाई गई आरटीआई का जवाब नहीं मिल रहा है। आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाएं विधानसभा सचिवालय द्वारा अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।