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अल्मोड़ा- प्रेरणा को हिमालय पर चढ़ने की प्रेरणा मिली हिमालयी श्रखंलाओं से

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा. जिस उम्र में बच्चे खिलौनों से खेलते हैं उसी उम्र में इस बालिका ने अपने गांव से दिखने वाली विशाल पर्वतों को एक दिन लांघने का सपना देख लिया था। सपना भी ऐसा जहां पहुंचने के लिए एक ट्रेकर को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मूल रूप से अल्मोड़ा की मझखाली डांगीखोला निवासी चंदन डांगी की पुत्री प्रेरणा डांगी के लिए विशाल पर्वत श्रंखलाएं एक प्रेरणा लेकर आई। प्रेरणा ने अपने गांव से इन पर्वतमालाओं को निहारते निहारते इन्हें फतह करने की योजना बना डाली और अपने अथक मेहनत से इस मुकाम को हासिल कर लिया।

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वर्तमान में पर्वतारोहण और रॉक क्लाईम्बिंग के क्षेत्र में देश-विदेश में अपना नाम रौशन करने वाली प्रेरणा डांगी ने अल्मोड़ा पहुचंकर अपने सपने और इसे पूरा करने के लिए की गई मेहतन के बारे में मीडिया को बताया। प्रेरणा का बचपन से ही हिमालय
श्रखलाओं प्रति खासा लगाव रहा है इसी लगाव को अपना कॅरियर चुना और अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली फतह के बाद वह अभीतक 20 से अधिक पर्वतो का पर्वतारोहण कर चुकी है इस दौरान प्रेरणा को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारो से नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हिमालय के प्रति इस लगाव के चलते ह ीवह इस सपने को पूरा कर पाई। दिल्ली से पढाई करने वाली प्रेरणा ने हमेशा कुछ अलग करने की ठानी और वह लक्ष्य पूरा भी कर लिया।

इस दौरान प्रेरणा ने पर्वतों में कूड़ा-कड़कट एकत्र होने पर चिंता जताते हुए पर्यावरण को साफ रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह पर्वत श्रंखलाओं में क्लाइबिंग के दौरान वहां साफ सफाई के लिए भी मुहिम चलाएंगी। उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस पर्वतारोहण कार्से के साथ्ज्ञ ही भारत में पर्वतारोहण की सर्वोच्च संस्था आईएमएफ से कोर्स भी किया। 28 अप्रैल 2018 को उन्होंने राष्ट्रीय आरोहण बोल्डरिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी प्राप्त किया। उन्होंने अमेरिका की सर्वोच्च चोटी डेनाली को भी फतह किया है। इस मौके पर उनके साथ उनके पिता चंदन डांगी, माता पुष्पा डांगी, राजीव लोचन साह, डा. शमशेर सिंह बिष्ट, जयमित्र सिंह बिष्ट,जंगबहादुर थापा, दयाकृष्ण कांडपाल, भरत साह आदि मौजूद रहे।