हल्द्वानी में पहाड़ी स्वाभिमान रैली में गरजी पहाड़ी आर्मी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के बहिष्कार का किया गया फैसला

🔴 हल्द्वानी में रविवार को पहाड़ी आर्मी ने पहाड़ी स्वाभिमान रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। रैली के…

Premchand Aggarwal Boycott: Major Decision in Pahadi Swabhiman Rally

🔴 हल्द्वानी में रविवार को पहाड़ी आर्मी ने पहाड़ी स्वाभिमान रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। रैली के बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की हेट स्पीच पर कार्रवाई, मूल निवास 1950 लागू करने और समान नागरिक संहिता (UCC) के विवादित प्रावधानों को हटाने की मांग की गई।


🚨 मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की हेट स्पीच पर कार्रवाई की मांग
गत दिनों वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने पहाड़ी समुदाय के खिलाफ अपशब्द कहे थे। इस पर पहाड़ी आर्मी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे उत्तराखंड विधानसभा नियमावली के नियम 285, 286 और 303 का उल्लंघन बताया। ज्ञापन में मांग की गई कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत प्रेमचंद्र अग्रवाल के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए।


🗣️ महेंद्र भट्ट के बयान पर नाराजगी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को “सड़कछाप” कहा था, जिस पर भी रैली में रोष जताया गया। पहाड़ी आर्मी ने इसे उत्तराखंड के सम्मान पर चोट बताया और महेंद्र भट्ट से सार्वजनिक माफी की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


🔥 UCC के विवादित प्रावधानों पर सवाल
रैली में समान नागरिक संहिता (UCC) के कुछ प्रावधानों पर कड़ा विरोध दर्ज किया गया। पहाड़ी आर्मी ने कहा कि UCC के निम्नलिखित प्रावधानों को तुरंत हटाया जाए:
लिव-इन रिलेशनशिप को वैध बनाना
लिव-इन रिलेशनशिप से उत्पन्न सामाजिक अस्थिरता
एक साल के प्रवास के बाद बाहरी लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ


🌄 मूल निवास 1950 लागू करने की मांग
रैली में मूल निवास 1950 को लागू करने की मांग उठाई गई। पहाड़ी आर्मी ने कहा कि बाहरी लोगों द्वारा जमीन पर कब्जा रोका जाए और राज्य के मूल निवासियों को भूमि पर विशेष अधिकार दिए जाएं।
🚫 प्रेमचंद्र अग्रवाल के बहिष्कार का प्रस्ताव
रैली के दौरान पहाड़ी आर्मी के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने प्रेमचंद्र अग्रवाल को पहाड़ के मंदिरों और धार्मिक स्थलों से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हरीश रावत ने कहा कि मंदिर समितियों से इस प्रस्ताव को लागू करने की अपील की जाएगी।


🚶 गैरसैंण में भूख हड़ताल की चेतावनी
चौखुटिया से आए भुवन कठेत ने चेतावनी दी कि अगर 10 मार्च तक प्रेमचंद्र अग्रवाल का इस्तीफा नहीं हुआ तो वे गैरसैंण में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
🏔️ पहाड़ के स्वाभिमान की रक्षा का संकल्प
राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरु और हेमचंद्र पाठक ने कहा कि राज्य का गठन खून से हुआ है और अगर फिर से खून बहाना पड़ा तो वे तैयार हैं। तुलसी रौतेला और सुनीता जीना ने महिलाओं की भूमिका को याद दिलाते हुए कहा कि पहाड़ के स्वाभिमान पर आंच नहीं आने दी जाएगी।
📜 कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल
हाईकोर्ट के अधिवक्ता डी.के. जोशी ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग पहाड़ के लोगों के हक को मार रहे हैं। संगठन महामंत्री विनोद शाही ने कहा कि गाली देने वालों का राजनीतिक अस्तित्व अब खत्म करने का समय आ गया है।


📝 अगले चरण की रणनीति
रैली के बाद बुद्ध पार्क से सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस तक मार्च किया गया और ज्ञापन सौंपा गया। पहाड़ी आर्मी ने घोषणा की कि आंदोलन का दूसरा चरण जल्द ही गढ़वाल मंडल में शुरू होगा।

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