पंडित गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय की बेशकीमती धरोहरें वापस अल्मोड़ा पहुँची

अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय की पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व की कलाकृतियाँ…

Precious heritages of Pandit Govind Ballabh Pant Museum returned to Almora

अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय की पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व की कलाकृतियाँ वापस अल्मोड़ा पहुंच चुकी हैं। ये कलाकृतियाँ पिछले साल जुलाई 2023 में “निनाद” प्रदर्शनी के लिए देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक कला केंद्र, गढ़ी कैंट भेजी गई थीं।

पिछले एक साल के दौरान इन कलाकृतियों को देहरादून में प्रदर्शित किया गया, जिससे कुमाऊँ की संस्कृति, इतिहास और पुरातत्व के बारे में लोगों को बेहतर जानकारी मिली। इस प्रदर्शनी को न सिर्फ स्थानीय लोगों ने सराहा, बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों ने भी इसे खूब पसंद किया। पण्डित गोविंद बल्लभ पन्त राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा की मूल प्रदर्शित कलाकृतियों की फिजिकल एवं सॉल्वेंट क्लीनिंग, क्रोमेटिक इंटीग्रेशन और अनुकृति निर्माण कर सभी कलाकृतियां मूल रूप में संग्रहालय अल्मोड़ा को वापस कर दी गई है।

अब, मूल कलाकृतियों को फिजिकल और सॉल्वेंट क्लीनिंग, क्रोमेटिक इंटीग्रेशन और अन्य संरक्षण प्रक्रियाओं के बाद सुरक्षित तरीके से अल्मोड़ा के संग्रहालय में वापस लाया गया है। इन कलाकृतियों की पैकिंग और ट्रांसपोर्टेशन का कार्य म्यूजियम और कंजर्वेशन विशेषज्ञों की निगरानी में किया गया।

10 अगस्त 2024 को, इन बहुमूल्य धरोहरों को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, देहरादून से अल्मोड़ा लाया गया। इस प्रक्रिया में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और सशस्त्र बल का सहयोग रहा। पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा के प्रभारी निदेशक ने बताया कि निर्माणाधीन मल्ला महल संग्रहालय के तैयार होने पर इन कलाकृतियों को वहाँ प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, संग्रहालय की अन्य कलाकृतियों के अनुरक्षण और जीर्णोद्धार का कार्य भी प्रगति पर रहेगा।

इस महत्वपूर्ण कार्य का समन्वय जनमेजय तिवारी द्वारा किया गया, जिसमें शिवराज सिंह बिष्ट, रविन्द्र सिंह बिष्ट, दीपक कुमार, जोगा राम, पूरन सिंह और भारत वाल्मीकि सहित कई अन्य लोगों ने अपना सहयोग दिया।