प्रकृति शिविर कार्यक्रम 2019 का सफलतापूर्वक आयोजन

[hit_count] गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी-कटारमल अल्मोड़ा में तीन दिवसीय प्रकृति शिविर का समापन दिनांक 27.03.2019 हुआ। इस शिविर…

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गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी-कटारमल अल्मोड़ा में तीन दिवसीय प्रकृति शिविर का समापन दिनांक 27.03.2019 हुआ। इस शिविर में उत्तराखण्ड के सात जिलों से आये विद्यालयों के 70 विद्यार्थियों एवं 15 शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिनमें से 5 शिक्षकों ने रिसॉर्स पर्सनस के रूप में भी कार्य किया। शिविर विशेष रूप से बालिकाओं के लिए आयोजित किया गया था, अतः कुल 70 विज्ञान वर्ग भी बालिकाओं को प्रकृति शिविर के माध्यम से पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी की विभिन्न रोचक जानकारियों से अवगत कराया गया। शिविर का मूल उददेश्य प्रकृति से जुडना एवं उससे लगाव पैदा करना, प्रकृति की जटिलता एवं अंर्तसंबंधों को समझना व प्रकृति के सभी पहुलओं को जानना एवं उनके प्रति सजगता पैदा करना है। शिविर का शुभारंभ 25.03.19 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री अरिवंद कुमार नौटियाल द्वारा किया गया। जिन्होनें सभी शिविरार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि वे इस कार्यक्रम के ग्रीन एमबेस्डर है जो कि हमारी प्रकृति को बचाने में अपना सहयोग देंगे। तीन दिवसीय शिविर में शिविरार्थियों को संस्थान के वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों द्वारा पेड़-पौधों में विभिन्नता, विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी, औषधीय पादपों की जानकारियाँ, प्रकृति संरक्षण, रिमोट सेंसिंग, प्राथमिक उपचार, ग्रामीण संसाधनों का आंकलन, वन विविधता एवं उनकी उपयोगिताएं, टैंट लगाना एवं फील्ड उपकरणों की जानकारियाँ, पेड़-पौधों व जीव जंतुओं का पारस्परिक सम्बन्ध, जैव विविधता और उनकी उपयोगिता, एवं ग्रामीण तकनिकी परिसर भ्रमण जैसी विभिन्न क्रियाकलाप कराये गये। साथ ही क्विज, पेंटिंग, कविता लेखन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रकृति संरक्षण मॉडल बनाना इत्यादि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयी। जिनमें शिविराथियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया एवं प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। शिविर के समापन समारोह में संस्थान के निदेशक डॉ० आर.एस. रावल ने शिविरार्थियों को संबोधित किया, एवं पर्यावरण के महत्व व अन्य जानकारियों से अवगत कराया। साथ ही प्रकृति शिविर की भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई जिसमें बहुगुणन विधि से युवा पीढी़ का संवेदीकरण, कम समय और संसाधनों में जानकारी जुटाना, प्रकृति संरक्षण के संदेशों का तेजी से प्रचार-प्रसार एवं आत्म विश्वासी और अभिनव सोच धारक विद्यार्थियों का व्यवहारिक तंत्र बनाना इत्यादि शामिल है। शिविर के सफल संचालन के लिए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों- डॉ० आर.सी. सुन्द्रियाल, डॉ० जी. सी.एस. नेगी, डॉ० आई.डी. भट्ट, डॉ० के.सी. सेकर, डॉ० सुबोध ऐरी आदि समेत संस्थान के जैव-विविधता संरक्षण एवं प्रबन्धन केन्द्र के सभी शोधार्थियों को बधाई प्रेषित की।