PPI Explained:अब आरबीआई भारत में लाया नया सिस्टम,यूपीआई के बाद अब आया पीपीआई

PPI Explained: देशभर में यूपीआई से भुगतान करना अब आम बात हो गई है। इसी बीच पीपीआई को लेकर भी खूब चर्चा की जा रही…

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PPI Explained: देशभर में यूपीआई से भुगतान करना अब आम बात हो गई है। इसी बीच पीपीआई को लेकर भी खूब चर्चा की जा रही है। आरबीआई द्वारा थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप को पीपीआई से लिंक करने का प्रस्ताव भी दिया जा रहा है।

इससे पीपीआई वॉलेट रखने वाले लोगों को यूपीआई पेमेंट करने में और मदद मिलेगी। जानें क्या है पीपीआई और क्या इससे जुड़ा प्रस्ताव?

पीपीआई क्या होता है?

RBI के Payment and Settlement Act, 2005 के अंतर्गत PPIs या Prepaid Payment Instruments ऐसे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट होते हैं, जिनमें पहले से डाले गए पैसे के जरिए आप गुड्स या सर्विस खरीदते हैं या फिर फंड, फाइनेंशियल सर्विस या रेमिटेंस ट्रांसफर करते हैं। अगर सीधे शब्दों मे कहा जाए तो ऐसे पेमेंट एप्स जिसमे वॉलेट या गिफ्ट कार्ड जैसे माध्यमों से डाले गए पैसे के जरिए आप कुछ भी खरीदते या ट्रांसफर करते हैं।

ऐप में वह प्रीपेड अमाउंट रखा जाता है, जो आपके बैंक अकाउंट या डेबिट/क्रेडिट कार्ड या कैश से कटा होता है। PPI कई फॉर्म में हो सकते हैं, जैसे- स्मार्ट कार्ड, वाउचर, पेमेंट वॉलेट, मोबाइल वॉलेट, मैग्नेटिक चिप्स।

पीपीआई कितनी तरह के होते हैं?

RBI के मुताबिक, देश में PPIs तीन सिस्टम के अंतर्गत जारी किए जाते हैं।

  1. Closed System

इस तरह की पी का इस्तेमाल उन जगहों पर होता है जो उन्हें जारी करते हैं। इसका मतलब है अगर कोई कंपनी अपना पीपीआई देती है तो आप उसके सिस्टम में ही इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। इस सिस्टम में गिफ्ट कार्ड, वाउचर कूपन जैसी चीज आती हैं। इसके साथ-साथ ऐसे पीपीआई जारी करने के लिए आरबीआई द्वारा अनुमति की जरूरत नहीं होती है।

  1. Semi-Closed System

इस तरह के पी का इस्तेमाल जारी करने वाली संस्था के अलावा और कुछ भी संस्थाओं में किया जा सकता है। जैसे संस्था का दूसरे के साथ कॉन्ट्रैक्ट है तो आप यह इंस्ट्रूमेंट दोनों जगह इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ऐसे पी आरबीआई की तरफ से अप्रूव्ड बैंकिंग संस्था है या ऑथराइज्ड नॉन बैंकिंग संस्था ही जारी कर सकती हैं।

  1. Open System

इस सिस्टम में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड आते हैं। इसके साथ-साथ इन्हें बस आरबीआई की तरफ से अप्रूव्ड बैंक ही जारी कर सकते हैं।

क्या कहता है RBI का प्रस्ताव?

इस समय पी से यूपीआई भुगतान सिर्फ पीपीआई कार्ड जारी करने वाले की तरफ से दी गई वेबसाइट या मोबाइल ऐप से किया जा सकता है। वही रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि बैंक अकाउंट होल्डर की तरह थर्ड पार्टी के यूपीआई एप के जरिए यूपीआई पेमेंट करने की सुविधा देने का प्रस्ताव है।

कैश डिपॉजिट पर फैसला

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्दी ही यूपीआई के जरिए कैश जमा करने वाली मशीन में पैसा जमा की सुविधा देगा। इस समय कैश जमा करने की मशीन में पैसा जमा करने के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना पड़ता है।