🎤लोकप्रिय लोक कलाकार धरम सिंह नेगी का आज सुबह करीब 4:00 बजे निधन हो गया। धरम सिंह नेगी विगत दो माह से अस्वस्थ चल रहे थे। 44 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे विकासखंड भैंसियाछाना, कनालीछीना, जिला अल्मोड़ा के निवासी थे। उनके निधन से कुमाऊं की सांस्कृतिक विरासत को गहरा आघात पहुंचा है।
🎯 कुमाऊं के गोलू मंदिरों में गूंजती थी उनकी आवाज
धरम सिंह नेगी लंबे समय से चितई गोलू मंदिर, अल्मोड़ा और घोड़ाखाल गोलू मंदिर में शगुन आखर कुमाऊनी लोकगीत गाकर अपना जीवनयापन कर रहे थे। वे कुमाऊं के विभिन्न कौतिक उत्सवों में भी लोकगीत गाते थे, जहां उनकी मधुर आवाज लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती थी। उनके गीतों में कुमाऊं की संस्कृति और परंपरा की झलक मिलती थी।
🎯 हंसमुख और सरल स्वभाव के लिए थे प्रसिद्ध
धरम सिंह नेगी का व्यक्तित्व बेहद हंसमुख और सरल था। लोग उनके मिलनसार स्वभाव और सौम्य व्यक्तित्व की तारीफ करते थे। उनके निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर है। सांस्कृतिक जगत ने एक अनमोल रत्न को खो दिया है।
🎯 लोक कलाकार महासंघ समेत कई लोगों ने जताया शोक
धरम सिंह नेगी के निधन पर लोक कलाकार महासंघ के अध्यक्ष गोपाल सिंह चम्याल, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र चम्याल, राहुल बिष्ट, संजय पथनी, अमर बोरा, कल्याण बोरा, ललित बिष्ट, चंदन कुमार, प्रकाश टम्टा, विनोद कुमार, देवभूमि मां शारदे लोक कला समिति, अल्मोड़ा की सचिव रेखा चम्याल, छात्र संघ उपाध्यक्ष दीक्षा सुयाल समेत कई कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।