बदहाल स्वास्थ सेवाएं(Poor health services), खस्ताहाल सड़कें और बेतरतीब कार्यशैली अब बर्दास्त नहीं, जनांदोलन करेंगे- बिट्टू

Poor health services, dilapidated roads and haphazard working style can no longer be tolerated अल्मोड़ा, 11 नवंबर 2023- वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पीसीसी उपाध्यक्ष बिट्टू…

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Poor health services, dilapidated roads and haphazard working style can no longer be tolerated

अल्मोड़ा, 11 नवंबर 2023- वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पीसीसी उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।


उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की बदहाल स्वास्थ सेवाएं(Poor health services), खस्ताहाल सड़कें और बेतरतीब व्यवस्थाएं सरकार की अनदेखी का परिणाम है।


अपने आवास स्थित कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की स्वास्थ्य सेवाएं इतनी लचर (Poor health services)हो चुकी हैं कि अल्मोड़ा के चिकित्सालय ले जाते समय मरीज के घर वालों को इतना विश्वास भी नहीं होता कि उनका मरीज सही सलामत घर लौटेगा या नहीं।अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को उन्होंने सफेद हाथी करार दिया।


उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मेडिकल कालेज में ब्लड बैंक ना होने के कारण एक प्रसूता की जान चली गयी।विगत माह टाटिक में हुई कार दुर्घटना में बच्चों को हल्द्वानी ले जाने के लिए मेडिकल कालेज के पास एम्बुलेंस तक नहीं थी।जो एम्बुलेंस थी वो इस इस हालत में थी कि दर्जनों लोगों के द्वारा धक्का लगाए जाने के बाद वो स्टार्ट हो सकी। मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सक तक प्रदेश सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही‌।


उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में मेड़िकल कालेज के होते हुए जब स्वास्थ्य सेवाएं जानलेवा (Poor health services)बनी हुई है तो स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि समूचे पर्वतीय क्षेत्र का क्या हाल होगा?

Poor health services
बदहाल स्वास्थ सेवाएं(Poor health services), खस्ताहाल सड़कें और बेतरतीब कार्यशैली अब बर्दास्त नहीं, जनांदोलन करेंगे- बिट्टू


उन्होंने कहा आज अल्मोड़ा मुख्य शहर की सड़कें रानीधारा,धार की तुनी- एनटीडी,गैस गोदाम लिंक सड़क इतनी बदतर स्थिति में है कि जंगलों के अन्दर बने कच्चे रास्ते भी इनसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की मुख्य एल आर साह रोड शिवालिक होटल से मिलन चौक तक गड्ढों से भरी है।
दिखावे के लिए शहर की सड़कों में तीन दिन पहले घटिया डामरीकरण के टल्ले लगाकर अपना पल्ला विभाग द्वारा झाड़ लिया गया। उन्होंने कहा कि हमें अपना शहर बचाना है और इसके लिए हम किसी पर आश्रित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग,लोक निर्माण विभाग और सरकार यदि अब भी नींद से नहीं जागे तो अल्मोड़ा में स्वास्थ्य सुविधाएं और सड़क की दशा सुधारने के लिए उन्हें राज्य आन्दोलन की तरह ही एक वृहद आन्दोलन चलाना पड़ेगा जो राजनीतिक ना होकर पूरी तरह जनहित में होगा।
कहा कि आज उत्तराखंड बने से जिस अल्मोड़ा ने बीस साल आगे जाना चाहिए था वो आज स्वास्थ्य और सड़क के मामले में बीस साल पीछे चला गया है जो अल्मोड़ा से पलायन का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तरह से वे निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं जिन्हें आज तक उत्तराखंड की जनता ने सदन भेजने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य और सड़क के नाम पर अल्मोड़ा की जनता को लगातार छला जा रहा है जो अब बर्दाश्त की सीमा से बाहर है।