नालसा के तहत पीड़िता को सात लाख रुपये देने के निर्देश
अल्मोड़ा। नाबालिक भतीजे से दुराचार के आरोपी को न्यायालय ने पाक्सों एक्ट के तहत अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त को सजा के साथ ही पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी जमा करने होगा। इसके अलावा विशेष सत्र न्यायाधीश ने सरकार को नालसा स्कीम के तहत पीड़िता को सात लाख रुपये देने के निर्देश भी दिए हैं।
पॉक्सो एक्ट के इस मामले में दिए निर्णय में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने तुलसीदास कृत रामचरित मानस की एक चौपाई का भी जिक्र किया है। निर्णय में लिखा गया है कि अनुज वधु, भगनी सुत नारी, सुन सत ये कन्या समचारी। इन्हें कुदृष्टि विलोके जोई, ताहि बधे कछु पाप न होई। विशेष सत्र न्यायधीश ने अपने निर्णय में कहा है कि इस मामले में विधि के शासन के संरक्षण के अनुसार ही अभियुक्त को सजा दी गई है।