प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरकाशी के मुखवा और हर्षिल पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों, कॉरपोरेट जगत और फिल्म उद्योग को उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनने का न्योता दिया।
उत्तराखंड का “घाम तापो टूरिज्म”
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के पर्यटन को “घाम तापो टूरिज्म” का नाम देते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के कई हिस्सों में कोहरा छाया रहता है, तब उत्तराखंड में धूप का आनंद लिया जा सकता है। उन्होंने कॉरपोरेट सेक्टर को यहां सेमिनार और मीटिंग आयोजित करने, स्कूल-कॉलेजों को विंटर ट्रिप पर आने और फिल्म इंडस्ट्री को शूटिंग के लिए उत्तराखंड को प्राथमिकता देने की अपील की।
चारधाम यात्रा और सीमांत गांवों का विकास
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2014 से पहले चारधाम यात्रा पर हर साल 18 लाख श्रद्धालु आते थे, जबकि अब यह संख्या 50 लाख से अधिक हो गई है। केंद्र सरकार सीमांत गांवों के विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ चला रही है, जिसके तहत नेलांग और जादुंग गांवों को फिर से बसाया जा रहा है।
रोपवे और आधुनिक सुविधाओं की सौगात
हाल ही में केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक बनने वाले रोपवे की लागत 4081 करोड़ रुपये होगी, जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले रोपवे पर 2730 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे तीर्थयात्रियों को यात्रा में काफी सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
शीतकालीन तीर्थाटन और रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा कि शीतकालीन तीर्थाटन से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार 365 दिन पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे और स्थानीय व्यवसायियों को सालभर रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने धार्मिक, साहसिक और प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की और स्थानीय लोगों से इस पहल में सहयोग करने की अपील की।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और राष्ट्रीय खेलों का आयोजन
उत्तराखंड में हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, जी-20 बैठकें और राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद कर रही है।
उत्तरकाशी में प्रधानमंत्री की इस यात्रा को उत्तराखंड के विकास के लिए एक नई दिशा के रूप में देखा जा रहा है। उनके दौरे से शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन को नई पहचान मिलने की उम्मीद है, जिससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।