सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार अब सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक एकीकृत “सिंगल जॉब एप्लीकेशन पोर्टल” तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों पर पड़ने वाले बोझ को कम करेगा और उन्हें एक ही मंच पर आवेदन करने की सुविधा देगा, जिससे उनकी प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान की गई, जिसमें मंत्री जितेंद्र सिंह ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए तकनीकी नवाचारों के महत्व को दोहराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पोर्टल को जल्द से जल्द विकसित किया जाए ताकि उम्मीदवारों को अलग-अलग प्लेटफार्मों पर आवेदन करने की जरूरत न पड़े।
सरकार भर्ती प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। पहले जहां भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में औसतन 15 महीने लगते थे, वहीं अब इसे घटाकर 8 महीने कर दिया गया है। आने वाले समय में इस अवधि को और कम करने की योजना पर काम किया जा रहा है। मंत्री ने कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं के लिए मानक दिशा-निर्देश विकसित करने पर भी जोर दिया, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
सरकार की ओर से भर्ती परीक्षाओं को अधिक समावेशी बनाने के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षाएं आयोजित करने की पहल की गई है। इसके अलावा, सरकार का लक्ष्य संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में परीक्षाएं करवाने का है, जिससे क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले उम्मीदवारों को भी लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान मंत्री ने सुशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रभावी उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने CPGRAMS 2.0 का उदाहरण देते हुए बताया कि यह एक AI-सक्षम सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली है, जो प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाती है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने और अन्य विभागों के लिए एक प्रभावी सुशासन प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, मंत्री ने मिशन कर्मयोगी की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसके तहत अब तक लगभग 89 लाख सरकारी कर्मचारियों को शामिल किया जा चुका है। यह कार्यक्रम सितंबर 2020 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य सिविल सेवकों के कौशल विकास और दक्षता में सुधार करना है। सरकार इस दिशा में लगातार सुधार और बदलाव ला रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया अधिक प्रभावी और पारदर्शी हो सके।