पिथौरागढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रदर्शन

छात्र नेताओं और युवाओं ने सरकार पर लगाया सीमान्त जनपद की फिर अनदेखी का आरोप पिथौरागढ़। अल्मोड़ा में एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने…

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छात्र नेताओं और युवाओं ने सरकार पर लगाया सीमान्त जनपद की फिर अनदेखी का आरोप


पिथौरागढ़। अल्मोड़ा में एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए छात्र नेताओं और युवाओं ने सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की फिर अनदेखी करने का आरोप लगाया है। बृहस्पतिवार को पिथौरागढ़ महाविद्यालय के छात्रसंघ की एक बैठक में सीमान्त जिले में नये विश्वविद्यालय की स्थापना जरूरी बताते हुए इस मांग के समर्थन में प्रदर्शन किया गया।
छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश जोशी ने कहा कि छात्रसंघ निरंतर पिथौरागढ़ में एक राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग करता आ रहा है। इस संबंध में चार बार उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया जा चुका है, लेकिन हमेशा की तरह फिर सीमान्त जिले की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना नितांत जरूरी है। यह क्षेत्र सीमान्त दुर्गम इलाकों से जुड़ा है और पिथौरागढ़ महाविद्यालय में करीब साढ़े 7 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। छात्र-युवाओं का कहना है कि अल्मोड़ा में पहले से आवासीय विश्वविद्यालय है और उसकी दूरी कुमाऊं विवि नैनीताल से बहुत कम है।


कहा- सीमान्त जिले में विवि खोला जाना नितांत जरूरी अल्मोड़ा में पहले से है विवि और नैनीताल है नजदीक


पिथौरागढ़। छात्र नेता वीरेंद्र कन्याल ने पिथौरागढ़ में विवि की स्थापना के लिए व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेंद्र रावत ने इसे जिले की मूलभूत मांगों में से एक जरूरी मांग बताया। कहा कि यदि पिथौरागढ़ में एक विश्वविद्यालय की स्थापना होती है तो इससे क्षेत्र का विकास होगा और इस सीमान्त व दुर्गम इलाके के लोगों के लिए सुविधाजनक भी होगा। समाज सेवी अभिषेक बोहरा, छात्रसंघ महासचिव भूपेश बिष्ट, उपाध्यक्ष जीतेंद्र भंडारी, कोषाध्यक्ष रमेश बिष्ट, उप सचिव भास्कर मनोला और छात्रा उपाध्यक्ष सोनी पिपलिया ने इस मांग को वाजिब बताया और सरकार से सीमान्त जनपद में विवि की स्थापना किये जाने की मांग की।