पिथौरागढ़ में कर्मचारियों ने किया जोरदार प्रदर्शन आफिस तो खुले लेकिन कुर्सियां रहीं खाली : कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

कहा कर्मचारियों को ठगने वाली सरकारें दोबारा सत्ता में नहीं आ सकतीं, मांगें न माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी पिथौरागढ़। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक…

31PTHP 1

कहा कर्मचारियों को ठगने वाली सरकारें दोबारा सत्ता में नहीं आ सकतीं, मांगें न माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी

पिथौरागढ़। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति, उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच और उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा आदि संगठनों के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को जिले भर में हजारों कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जिससे तमाम सरकारी विभागों और कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। इसके चलते जिले भर से विभिन्न कामों के लिए मुख्यालय पहुंचे लोगों को निराश होना पड़ा।

आफिस में खाली पड़ी कुर्सियां
आफिस में खाली पड़ी कुर्सियां

जिला मुख्यालय में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी और सरकार पर कर्मचारियों के साथ ठगी करने का आरोप लगाते हुए मांगें न माने जाने पर आंदोलन को आगे ले जाने की चेतावनी दी।

आफिस में खाली पड़ी कुर्सियां
आफिस में खाली पड़ी कुर्सियां


10 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय, एडीएम, एसडीएम कार्यालय और कोषागार कर्मियों सहित कलक्ट्रेट स्थित विभिन्न विभाग, सीएमओ आफिस, लोक निर्माण विभाग, उद्यान विभाग तथा मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के साथ ही विकास भवन स्थित विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारी बृहस्पतिवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। सुबह 10 बजे आफिस खुले लेकिन कुर्सियां खाली रहीं। पूर्वान्ह 11 बजे तक विभिन्न विभागों के सैकड़ों कर्मचारी कलक्ट्रेट परिसर स्थित धरना स्थल पर एकत्रित हो गए। इस दौरान कर्मचारी हितों की उपेक्षा और मांगों की अनदेखी को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदारी की गई। यहां हुई सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारियों को ठगने वाली सरकारें दोबारा सत्ता में नहीं आ सकतीं। कहा कि एक-दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को छोड़कर अब तक उत्तराखंड में कर्मचारी हितों की अनदेखी ही की जाती रही है। कर्मचारी नेताओं ने नीति नियंताओं को उत्तर प्रदेश की वीर बहादुर सिंह सरकार की याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह कर्मचारियों के दमन के चलते उनको सत्ता से जाना पड़ा और फिर कभी वापसी नहीं हो पाई, अगर वही हाल रहा तो वैसा ही हश्र अन्य सरकारों का भी होगा।
सभा को कर्मचारी नेता केसी पंत, एमसी जोशी, आरएस खनका, प्रवीन सिंह डीनिया, अनिल पंत, प्रदीप भट्ट, महेश भट्ट, एमएल वर्मा, बिजेंद्र लुंठी, कमल पांडेय आदि ने संबोधित किया। हड़ताल और प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल रहे। जिले के अन्य हिस्सों से भी कर्मचारी मुख्यालय पहुंचे। हालांकि कर्मचारी संगठनों ने स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली जैसी जरूरी सेवाओं में कर्मचारियों को हड़ताल से कुछ छूट दी थी ताकि आम लोगों को ज्यादा समस्या न हो।

बेरीनाग में ज्ञापन सौंपते कर्मचारी
बेरीनाग में ज्ञापन सौंपते कर्मचारी