पिथौरागढ़ — रोड के लिए डटे बेलतड़ी के ग्रामीण

पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर नेपाल सीमा के नजदीक बेलतड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण पूरा किये जाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों…

Pithoragarh Villagers of Beltari stood for the road

पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर नेपाल सीमा के नजदीक बेलतड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण पूरा किये जाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों का आंदोलन बृहस्पतिवार को छठे दिन भी जारी रहा। क्षेत्रवासी रोड नही तो वोट नहीं के नारे के साथ आंदोलन पर डटे हैं और उनका कहना है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा। बृहस्पतिवार को बेलतड़ी में धरना-प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने राज्य सरकार का पुतला दहन भी किया।


जिले के बढ़ाबे क्षेत्र से कुछ दूर ग्राम सभा धारी-बेलतड़ी आजादी के इतने वर्षों बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है। जिस कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं से दो-चार होने के साथ ही अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। दुर्भाग्य यह है कि वर्ष 2005 में इलाके को सड़क से जोड़ने के लिए अशोकनगर से सौनगांव, भाटीगांव होते हुए करीब 10-12 किमी लंबी सड़क स्वीकृत हुई, जिसके बाद सड़क कटी लेकिन बेलतड़ी से पहले करीब 2 किलोमीटर हिस्से को बिना कटान के छोड़ दिया गया।

जो अब तक उसी हालत में है। हालंकि लंबे समय बाद इस सड़क के करीब साढ़े 5 किमी हिस्से में पिछले वर्ष डामरीकरण हुआ और उसके आगे के लगभग ढाई किमी हस्से तक ही गाड़ी गुजरने लायक मार्ग बना है। परंतु गांव को जोड़ने से करीब 2 किमी पहले सड़क कटान नहीं किया गया।


ग्रामीणों का आरोप है कि इसके लिए लोनिवि के अधिकारियों के तमाम चक्कर काटने और खुशामद करने के बाद भी मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा और इसमें करीब 42 लाख रुपये का हेरफेर भी हुआ है। इस बीच कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के लोग भी क्षेत्रवासियों को समर्थन देने पहुचे हैं और विभागीय अधिकारी भी मौके पर आ चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को अब तक शेष हिस्से के कटान और निर्माण के लिए कोई पूरी तरह आश्वस्त नहीं कर पाया है। इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रवासी अब रोड नही तो वोट नही के नारे के साथ आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को भी उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हुए।
प्रदर्शन में दयाकिशन भट्ट, कै. तारा दत्त भट्ट, जानकी भट्ट , माधव दत्त, चंद्र बल्लभ, केशव दत्त, सुभाष चंद्र भट्ट, पार्वती देवी, मनोहरी देवी, ममता, रामा देवी, बीना और सरस्वती सहित अनेक क्षेत्रवासी मौजूद थे।