पिथौरागढ़। चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के हेलंग में सीआईएसएफ और उत्तराखंड पुलिस द्वारा महिलाओं से घास छीनने की घटना की निंदा करते हुए हर तरफ विरोध किया जा रहा है। इस सिलसिले में सोमवार को हेलंग एकजुटता मंच ने कलक्टेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। वहीं इस मामले में जनमंच पिथौरागढ़ की ओर से भी एक ज्ञापन सीएम को प्रेात कर मामले की निपक्ष न्यायिक जांच की मांग की गई।
हेलंग एकजुटता मंच ने धरना प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा है कि हेलंग में जंगल से चारा पत्ती लाती महिलाओं से पुलिस और सीआईएसएफ के कर्मचारियों द्वारा की गई अभद्रता निदंनीय है। इस दौरान भाकपा माले के जिला सचिव गोविंद कफलिया ने कहा है कि महिलाओं से घास छीनने, उन्हें छह घंटे हिरासत में राने वाले और डेढ़ दो साल की बच्ची को एक घंटे तक कस्टडी में रखने वाले सीआईएसएफ तथा पुलिस कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र अवस्थी ने कहा कि जिलाधिकारी चमोली पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उत्पीड़ित महिला के विरूद्ध अभियान चलाए हुए हैं, जो घोर जनविरोधी कृत्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता सुमित महर कहा कि वन पंचायत नियमावली व वनाधिकार कानून 2006 का उल्लंघन करके ली गई वन पंचायत की तथाकथित स्वीकृति को रद्द किया जाए। इस अवैध अनुमति को आधार बनाकर पेड़ काटने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
आंदोलन का समर्थन करते हुए पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पिथौरागढ़ हेमंत खाती ने कहा कि हेलंग प्रकरण की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के सेवारत या सेवानिवृत न्यायाधीश से कराई जाए। कहा कि इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो आंदोलन को व्यापक और तीव्र किया जाएगा। दिनेश जोशी ने कहा कि महिलाओं को परियोजना निर्माण कंपनी टीएचडीसी की शह पर गिरफ्तार किया गया जो राज्य सरकार और प्रशासन की मंशा को जाहिर करता है। महाकाली लोक संगठन के सुरेंद्र आर्य ने कहा कि यह प्रकरण सरकार की जनविरोधी नीतियों का जगजाहिर कर रहा है।
वहीं जनमंच संयोजक भगवान रावत औैर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पिथौरागढ़ महेंद्र रावत आदि ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा कि विगत 15 जुलाई को हुई इस घटना के विरोध में गत 24 जुलाई को प्रदेश भर के आंदोलनकारियों और नागरिक समाज के लोगों ने हेलंग की महिलाओें से एकजुटता जाहिर की औेर दोायों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की, लेकिन यह अफसोसजनक है कि प्रदेश सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है।
उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन, पीडित महिलाओं के खिलाफ अभियान चलाने वाले डीएम चमोली का तत्काल पद से हटाने, टीएचडीसी व अन्य परियोजना निर्माता कंपनियों के कार्यों की जनता की भागीदारी के साथ मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने और हेलंग प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की है।