पिथौरागढ़ Pithoragarh में विश्वविद्यालय नहीं बनना सरकार का सीमांत जिले के साथ खिलवाड़ : पूर्व छात्रसंघ सचिव

Pithoragarh college should become University पिथौरागढ़। महाविद्यालय में हुई संगोष्ठी में शामिल हुए पूर्व छात्रसंघ सचिव ऋषेन्द्र महर का कहना है कि पिथौरागढ़ pithoragarh में…

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Pithoragarh college should become University

पिथौरागढ़। महाविद्यालय में हुई संगोष्ठी में शामिल हुए पूर्व छात्रसंघ सचिव ऋषेन्द्र महर का कहना है कि पिथौरागढ़ pithoragarh में विश्वविद्यालय बनना चाहिए था, जिससे सीमान्त जिले को शिक्षा के क्षेत्र में नयी दिशा मिलती। हालांकि पिथौरागढ़ महाविद्यालय को कैंपस का दर्जा देने का हम स्वागत करते हैं किन्तु सरकार द्वारा फिर से इस सीमांत जिले के साथ खिलवाड़ किया गया है और यह एक झुनझुने की तरह है।

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उन्होंने कहा कि सरकार एक नया विश्वविद्यालय बनाने जा रही थी, इसीलिए पिथौरागढ़ के लोगों ने आग्रह किया कि जिले की भौगोलिक परिस्थिति बहुत दुर्गम व विषम है। इसीलिए पिथौरागढ़ मे विश्वविद्यालय बनाया जाए, लेकिन सरकार ने सौतेला व्यवहार अपनाते हुए अल्मोड़ा में विश्वविद्यालय का निर्णय ले लिया।

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कहा कि अल्मोड़ा और नैनीताल के बीच की दूरी मात्र 80 किलोमीटर है और इतनी कम दूरी होने के बावजूद दूसरा विश्वविद्यालय 100 किलोमीटर के अंदर में बनाया जा रहा है। वहीं पिथौरागढ़ 200 किलोमीटर की दूरी पर है, जहा आने के लिये लोगोंं को काफी आर्थिक संकट झेलना पड़ता है।

ऋषेंद्र का कहना है कि सरकार को सीमांत क्षेत्र में विश्वविद्यालय बनाना चाहिए था, ताकि यहांं के छात्र-युवा और अन्य लोग कम खर्च और कम समय मेंं अपने काम करवा पाते।.लेकिन सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है, जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।

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