पिथौरागढ़ में टैक्सियों की हड़ताल से दूरदराज से जिला मुख्यालय नहीं पहुंच पाए लोग, रोडवेज बसों में भी यात्रियों की संख्या रही कम, प्राइवेट स्कूल रहे बंद

पिथौरागढ़ सहयोगी। नये मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में बुधवार को जिले में टैक्सी-मैक्सी, निजी बसों व ट्रकों की हड़ताल का खासा असर रहा। हड़ताल…

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पिथौरागढ़ सहयोगी। नये मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में बुधवार को जिले में टैक्सी-मैक्सी, निजी बसों व ट्रकों की हड़ताल का खासा असर रहा। हड़ताल के चलते आम लोग एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पाए और उनके अनेकों काम अटक गए। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी स्कूलों में अवकाश घोषित कर हड़ताल को समर्थन दिया। इस सबके बीच रोडवेज की बसों का संचालन जारी रहा। हालांकि जिला मुख्यालय से हल्द्वानी और टनकपुर की तरफ जाने वाली रोडवेज बसों में एकदम सुबह के समय तो यात्रियों की भीड़ रही, लेकिन साढ़े नौ बजे बाद इन बसों को भी सवारियां मिलनी मुश्किल हो गईं, क्योंकि टैक्सी-जीप आदि संचालन बंद रहने से लोग जिले के दूसरी जगहों से जिला मुख्यालय पहुंच ही नहीं पाए। जिला मुख्यालय के बाजारों, बैंक व पेट्रोल पंपों पर भी अन्य दिनों की अपेक्षा सुनसानी नजर आयी। हड़ताल का व्यापार-उद्योगों पर भी खास असर रहा।
नये मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर बुधवार को कुमाऊं टैक्सी यूनियन महासंघ व अन्य यूनियनों ने भी वाहनों का संचालन लगभग पूरी तरह ठप रखा। हड़ताल के कारण अन्य दिनों वाहनों से भरे रहने वाले जिला मुख्यालय के विभिन्न टैक्सी स्टैंडों पर इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए और यात्रियों के बिना सन्नाटा सा पसरा रहा। बैंकों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा ग्राहक काफी कम संख्या में पहुंचे और लाखों का लेन-देन प्रभावित हुआ। जिला मुख्यालय के बाजारों में सुबह से ही हलचल कम नजर आई और अपराह् 4 बजे तक दुकानें, गलियों में अपेक्षाकृत सुनसानी ही छायी रही। पेट्रोल पंपों पर भी निजी चौपहिया व दोपहिया वाहन कम संख्या में नजर आए। हड़ताल के चलते दूरदूराज जाने वाले आम लोगों व यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, या अपनी यात्रा रद करनी पड़ी। हड़ताल के बीच दूरदराज से जिला मुख्यालय इलाज के लिए आने वाले मरीजों व परिजनों को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा।
पिथौरागढ़ टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह महर ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह का एक्ट लाई है ऐसा तो अंग्रेजों के समय में भी नहीं हुआ। नए एक्ट के चलते समाज के सभी वर्गों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके विरोध में टैक्सी और अन्य निजी वाहन संचालकों ने हड़ताल पूरी तरह सफल की। उन्होंने कहा कि हड़ताल का व्यापक असर रहा है।

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