बड़ा प्रयास— सिस्टम ने नहीं सुनी तो ग्रामीण खुद उतरे पुलिया निर्माण को,अब वीडियो हो रहा है वायरल

यहां देखें पूरा वीडियो डेस्क— पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील से श्रमदान का एक प्रेरक वीडियो सामने आया है। इस वीडियों को धारचूला के उचमिया गांव…

यहां देखें पूरा वीडियो

डेस्क— पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील से श्रमदान का एक प्रेरक वीडियो सामने आया है। इस वीडियों को धारचूला के उचमिया गांव का बताया जा रहा है जहां सिस्टम के आगे पु​ल निर्माण की मांग करते थक चुके ग्रामीणों ने खुद पुल बांधने का कार्य शुरू कर दिया है। इस सराहनीय कार्य की लोग अब दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं। और अब यह वायरल भी होने लगा है।
मालूम हो कि सीमांत जनपद पिथौरागढ आपदा के कहर से कभी नहीं बच पाया है हर वर्ष बरसात में आपदा पुराने जख्मो को ताजा करने के साथ ही नए जख्म दे जाता है। इस वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि धारचूला तहसील के उमचिया गांव में 2018 में हुई बारिश से कर्तो तथा सुमदुम गांव के संपर्क पूल बह गए थे। अभी भी वहाँ की हालत जस की तस बने हैं।
ग्रामीणों का कहना हैं प्रशासन के माध्यम द्वारा ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को कर्तो उमचिया गाड़ क्षतिग्रस्त पुलिया निर्माण का आगड़न भेजा गया था पर आज तक पु​ल गोलगाड़ में लकड़ी का अस्थायी पूल से ग्रामीणों द्वारा आवाजाही बनी रहती हैं जो एक मौत के खेल से कम नहीं हैं वही गांव में मेडिकल की कोई सुविधा नही हैं। और इसी रास्ते से स्कूली बच्चे शनिवार अपने घर आके सोमवार वापिस स्कूल तीजम जाते हैं पर देखने वाली बात ये हैं कि मानसून आ गया हैं पर प्रशासन द्वारा आज तक कोई स्थायी पुल नही बनाया गया हैं।
पता लगा है कि यह पु​ल 9 जुलाई को तेज बारिश के बाद बह गया था जिसे 10 तारीख को ग्रामीणों द्वारा बनाया गया। जबकि जिस अस्थायी पुल से उमचिया,कर्तो,गम,पंगा,सुमदुम गांव आते हैं। यहाँ 1000 की आबादी रहती हैं। यहाँ कोई संचार की व्यवस्था नहीं हैं वहीं ग्रामीणों द्वारा अपने आवाजाही के लिए अस्थाई पुल का निर्माण किया हैं।