Can a person going to jail in 302 join the police
अल्मोड़ा, 14 नवंबर 2021- पुलिस (police)की वर्दी में दिख रहे एक व्यक्ति के दावे ने जनरल नाँलेज गड़बड़ा दी है।
क्या हत्या के मामले में 302 के तहत जेल में रहने वाला पुलिस (police)में भर्ती हो सकता है।
क्या उसकी जांच नहीं होती होगी, या वह केवल झूठे आरोप में बंद हुआ या सस्पेक्टेड रहा या बाइज्जत बरी हुआ।
क्यों कि 302 का आरोप हल्का नहीं होता यह हत्या का आरोप होता है इसके तहत बंद होने वाला पुलिस में भर्ती होता है तो यह केवल उत्तराखंड में ही हो सकता है।
अब जब वीडियो वायरल हो रहा हो तब सवाल भी उठेंगे और उठ भी रहे हैं लोग पुलिस के उच्चाधिकारियों से पत्र लिखकर यह जवाब मांग रहे हैं।
सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इसे पूर्व जिलापंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत ने सल्ट विधानसभा विधायक के गनर का बताते हुए पोस्ट किया है साथ ही पुलिस के आलाधिकारियों को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा कि यह वीडियो विधायक के गनर का है। वायरल वीडियो में गनर का लोगों के साथ मारपीट और धमकाने का वीडियो सामने आया है. जिसमें वह धमकाते हुए लोगों से यह कह रहा है कि ”मैं मुरादाबाद का रहने वाला हूं और पूर्व में 302 के तहत जेल भी जा चुका हूं। इसलिए मुझे हल्का मत समझना.” यही नहीं एक अन्य वीडियो में वह लोगों के साथ मारपीट करता हुआ भी नजर आ रहा है गाली गलौज के शब्द भी वीडियो में हैं।
बताया जा रहा कि यह वीडियो सल्ट के विधायक महेश जीना के गनर का है, जो कि पिछले 28 अक्टूबर का बताया जा रहा है।
जब सल्ट विधायक महेश जीना और बीजेपी नेता गिरीश कोटनाला के बीच विवाद का मामला सामने आया था, उस वक्त दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हमले के आरोप लगाए थे।
अब यह वीडियो सामने आने के बाद विधायक के गनर पर भी सवाल उठने लगे हैं। फिलहाल सवाल अपनी जगह पर है क्या 302 के आरोप में जेल जाने वाला पुलिस(police) में भर्ती हो सकता है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने पुलिस विभाग के डीआईजी को पत्र लिखकर जांच व कार्रवाई की मांग की है।