फर्जी प्रमाणपत्रों पर की नौकरी अब रिटारमेंट के बाद मिली 7 साल जेल की सजा

देहरादून। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में अध्यापक की नौकरी हासिल करने वाले सेवानिवृत्त आरोपी हरिओम सिंह को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश…

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देहरादून। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में अध्यापक की नौकरी हासिल करने वाले सेवानिवृत्त आरोपी हरिओम सिंह को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार की अदालत ने 7 साल की सजा सुनाते हुए 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार आरोपी यूपी बिजनौर ग्राम रामपुर रसरपुर निवासी हरिओम सिंह, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक के अपनी प्रथम नियुक्ति के दौरान शिक्षा विभाग में दिये गये दस्तावेजों में समानरूपता नहीं थी।

आरोपी ने प्रथम नियुक्ति के दौरान कुछ वांधित अभिलेख भी प्रस्तुत नहीं किए। इसके बाद भी उसने प्राथमिक विद्यालय सेंदूल जौनपूर टिहरी गढ़वाल में पहली नियुक्त ले ली। 31 मार्च 2016 को राप्रावि डांगू जौनपूर टिहरी गढ़वाल से हरिओम सिंह सेवानिवृत हुए। शिकायत पर शिक्षा विभाग ने आरोपी के प्रमाण पत्रों की जांच भी करवाई। प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के आधार पर वादी ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज करवाया गया।