shishu-mandir

विकास प्राधिकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग,पिथौरागढ़ में विभिन्न संगठनों और आम लोगों ने प्राधिकरण को खत्म करने के लिए बुलंद की आवाज

Newsdesk Uttranews
3 Min Read
Screenshot-5

new-modern
gyan-vigyan
pith1 1
photo- uttranews

पिथौरागढ़। संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मंगलवार को जिला मुख्यालय में विकास प्राधिकरण के विरोध में रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। बारिश के बीच बड़ी संख्या में लोग नगरपालिका के पास रामलीला मैदान में एकत्रित हुए। जहां से विकास प्राधिकरण संबंधी कानून को खत्म किये जाने की मांग को लेकर नगर के विभिन्न मार्गों में नारेबाजी के साथ रैली निकाली गयी। कलक्ट्रेट पहुंचकर इस संबंध में 10 सूत्रीय ज्ञापन राज्यपाल को भेेजा गया।
रैली सिमलगैर बाजार, गांधी चौक, धर्मशाला लाइन, नया बाजार, केमू स्टेशन औैर टकाना होते हुए नारेबाजी के साथ कलक्ट्रेट पहुंची। यहां हुई सभा में संयुक्त संघर्ष समिति एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन चंद्र भट्ट ने कहा कि विकास प्राधिकरण के नाम पर सरकार ने लोगों पर काला कानून थोपा है। यूकेडी के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा कि प्राधिकरण के नाम पर हमारे जल, जंगल जमीन को हड़पने की साजिश की जा रही है, जिसे तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। सभा को पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान रावत, कांगे्रस के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश पंत, व्यापार संघ अध्यक्ष शमशेर महर, मनोज जोशी, प्रेम सिंह बिष्ट, बहादुर चंद, वरिष्ठ अधिवक्ता निर्मल चैधरी, चंद्रशेेखर पुनेड़ा, जगदीश कलौनी, भावना नगरकोटी, कैप्टन धरम चंद, अधिवक्ता अजय बोहरा, विनोद मतवाल, राजेश तिवारी, प्रकाश रावत, नवीन कोठारी आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर दर्जनों लोग मौजूद थे। सभा के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग की गई। मोर्चा ने प्राधिकरण के संदर्भ में विभिन्न मुद्दे उठाये हैं। कहा है कि पलायन की समस्या से ग्रस्त सीमान्त जनपद में प्र्राधिकरण किसी भी स्थिति में लागू नहीं हो सकता है। नगर में मास्टर प्लान ही लागू नहीं किया जा रहा है तो यहां प्राधिकरण की अवधारणा ही निर्मूल है।
कहा है पिथौरागढ़ जैसे सीमान्त जिलों में भी देहरादून, हरिद्वार की तरह नियम लागू किये जाएंगे तो सीमान्त क्षेत्र शत-प्रतिशत पलायन की चपेट में आ जाएंगे। मोर्चा ने पहाड़ की भौगोलिक स्थिति के सापेक्ष विकास प्राधिकरण संबंधी कानून का अनुपालन किसी भी स्थिति में संभव नहीं है। मोर्चा ने राज्यपाल से जल्द इस कालू काननू को समाप्त किये जाने की मांग करते हुए ऐसा न होने पर व्यापक जनांदोलन की चेतावनी दी है।