पेयजल को लेकर कांग्रेस का जल निगम दफ्तर पर प्रदर्शन

75 करोड़ की आंवला घाट योजना बनने के बावजूद आपूर्ति सुचारू न होने पर जताया रोष पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय में पीने के पानी के गहराते…

पेयजल को लेकर कांग्रेस का जल निगम दफ्तर पर प्रदर्शन


75 करोड़ की आंवला घाट योजना बनने के बावजूद आपूर्ति सुचारू न होने पर जताया रोष

पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय में पीने के पानी के गहराते संकट के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जल निगम दफ्तर पर प्रदर्शन कर अधिशासी अभियंता का घेराव किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर और युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष ऋषेंद्र महर के नेतृत्व में 75 करोड़ से अधिक की आंवला घाट पेयजल योजना बनने के बावजूद लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने पर रोष जताया।


कहा कि पूर्व विधायक मयूख महर ने इस पेयजल योजना को अंजाम तक पहुंचाया, इसके बावजूद आज जिला मुख्यालय और आसपास के लोगों को पेयजल के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि योजना की डीपीआर में 12 एमएलडी पानी आने की बात थी, परंतु अभी भी मात्र 5 या 6 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक हफ्ता पूर्व उन्होंने प्रदर्शन कर योजना से भरपूर पानी न मिलने का मुद्दा उठाया था और अधिकारियों के घेराव की चेतावनी दी थी। उन्होंने बताया कि जल निगम के अधिकारी योजना से पर्याप्त पानी आने की बात कर रहे हैं लेकिन जल संस्थान से उसे सही तरह से वितरित नहीं किया जा रहा है और उसमें कहीं खामी है।


युकां नेता ऋषेंद्र ने कहा कि शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है और ऐसे में विभाग की लापरवाही से पेयजल के लिए हाहाकार मचना स्वाभाविक है। कहा विभाग द्वारा जल संस्थान को दोषी ठहराना भी सोचनीय है। शहर के लिए बनाए गए टैंकों में पानी पूरा नहीं रहता है। ऐसे में विभाग को जल्द मॉनिटरिंग कर उचित पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए, अन्यथा आम लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


जल निगम के ईई आरएस धर्मशक्तू का का कहना है कि विभाग उपलब्ध संसाधनों के आधार पर पेयजल आपूर्ति के लगातार भरपूर प्रयास कर रहा है। ठूलीगाड़ जैसी कुछ अन्य योजनाओं में भी विभाग, अपना इनपुट भी दे रहा है। इसके बावजूद आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है तो इसकी अन्य कमियों को भी देखे जाने की जरूरत है।

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