मंगल दल की बैठक में सूख रहे जल स्रोतों को बचाने का लिया संकल्प
अल्मोड़ा। कोसी नदी के प्रमुख जल संभरण क्षेत्र स्याहीदेवी-शीतलाखेत के आरक्षित वन क्षेत्र में 15 सालों से चलाये जा रहे जंगल बचाओ-पानी बचाओ अभियान के क्रम में आज
जिसमें सूख रहे जल स्रोतों के संरक्षण, जंगलों की आग के नियंत्रण, ग्रामीणों को गैस कनेक्शन तथा वी. एल.स्याही हल देकर जंगलों पर निर्भरता कम करने तथा वन्य जीवों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने आदि मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।
महिलाओं ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि निरंतर पत्र व्यवहार और आवेदन करने के बावजूद 33 परिवारों वाले गांव में मात्र 4 परिवारों के पास गैस कनेक्शन तथा दो परिवारों के पास ही वीएल स्याही हल हैं।महिलाओं ने सभी परिवारों को गैस कनेक्शन तथा वी. एल.स्याही हल देने की मांग की।सभी महिलाओं ने संकल्प लिया कि पड्यूला गांव के सिराहने में मौजूद आरक्षित वन क्षेत्र को नुकसान तथा आग से बचाने के प्रयास जारी रहेंगे. जंगलों को आग से सुरक्षित रखने के लिए सभी महिलाओं द्वारा मार्च महीने तक ओण जला लेने का निर्णय लिया।महिलाओं द्वारा गांव के आर्थिक विकास तथा रोजगार के लिए महिला समूहों के गठन की भी मांग की।
बैठक में चना देवी, ऊमा देवी, गीता देवी, मोहिनी देवी, दुर्गा देवी, रमा देवी, विमला देवी, हरीश चंद्र सिंह नेगी तथा गजेंद्र कुमार पाठक सहित दो दर्जन से अधिक महिलाओं द्वारा भागीदारी की गई।