Onion Prices: इस बार बरसात के साथ महंगाई भी हुई ज्यादा, ₹70 किलो हुआ प्याज तो हरी सब्जियों के दाम भी पहुंचे आसमान पर

इस साल मानसून में काफी अच्छी बारिश हुई है और अभी लौटते हुए मानसून में भी कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। इसके…

Onion Prices: This time inflation also increased with the rain, onion became ₹ 70 per kg and the price of green vegetables also reached sky high

इस साल मानसून में काफी अच्छी बारिश हुई है और अभी लौटते हुए मानसून में भी कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। इसके चलते आम लोगों के ऊपर महंगाई का भार काफी बढ़ गया है। प्याज और टमाटर के साथ हरी सब्जियों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं।

इतनी महंगी हो गईं हरी सब्जियां

बताया जा रहा है कि मेट्रो शहरों से ज्यादातर टमाटर और प्याज के भाव ₹70 किलो तक पहुंच गए। वहीं हरी सब्जियों के दाम भी काफी बढे हुए हैं। बताया जा रहा है कि बड़े शहरों में शिमला मिर्च, लौकी, पालक जैसे सब्जियों की कीमतें ₹100 किलो तक पहुंच गई इससे आम लोगों का बजट बहुत बिगड़ गया।

इस कारण सब्जियों में लगी आग

बताया जा रहा है कि प्याज और टमाटर और हरी सब्जियों के भाव में आई इस तेजी की वजह कई हिस्सों में हुई भारी बारिश है। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी और फल मंडी के कारोबारी का कहना है कि सब्जियों के प्रमुख उत्पादक राज्य जैसे महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि में भारी बारिश की वजह से उपज में प्रभाव पड़ा है। वहीं दूसरी और बारिश के चलते सड़कों का नुकसान होने से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है।

रियायती भाव पर प्याज बेच रही सरकार

सर देखा जाता है की बारिश के मौसम में इन महीना में सब्जियों का भाव बढ़ जाता है। बाद में धीरे-धीरे इनकी कीमतें फिर से नॉर्मल हो जाती हैं। प्याज के मामले में आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार पहले ही सब्सिडी पर बिक्री की शुरुआत कर चुकी है। सरकार ने प्याज की ऊंची कीमतो पर लगाम लगाने के लिए 5 सितंबर से प्रमुख शहरों में रियायती भाव पर बिक्री शुरू कर दी थी। इसके बाद लोगों को प्याज ₹35 किलो पर उपलब्ध कराया गया था।

टमाटर की शुरू हो सकती है बिक्री

प्याज की बिक्री सरकार के बफर स्टॉक से निकाला जा रहा है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरकार टमाटर की रियायती बिक्री शुरू कर सकती है। सरकार ने पिछले साल टमाटर के भाव आसमान पर पहुंचने के बाद रियायती बिक्री की थी, जिससे कीमतों को काबू करने में मदद मिली थी।