योजना के तहत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में उद्योग स्थापित करने के लिये 56 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिसमें से 52 आवेदको ने साक्षात्कार में भाग लिया। आवेदकों को उद्योग स्थापित करने के लिए लगभग एक करोड़ 56 लाख धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गयी। वहीं खादी ग्रामोद्योग आयोग में 8 आवेदन प्राप्त हुये थे जिसमें से 4 आवेदकों ने साक्षात्कार में प्रतिभाग किया और 4 आवेदकों को उद्योग स्थापित करने को लगभग 14 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी।
उद्योग विभाग के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने के लिये 177 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें बैठक में 148 आवेदक उपस्थित रहे। आवेदकों को उद्योग स्थापित करने के लिये लगभग 4 करोड़ 44 लाख की धनराशि स्वीकृति की गयी। उद्योग स्थापित करने के लिये आटा चक्की, स्टील फेब्रीकेशन, टैन्ट हाउस, होटल ढाबा, शटरिंग,नमकीन उत्पादन, रिंगाल उद्योग, ब्यूटी पार्लर आदि स्वरोजगार के लिए आवेदकों को ऋण की स्वीकृति प्रदान की गयी।
जिलाधिकारी ने आवेदकों के साक्षात्कार लेते हुए कहा कि जिस भी उद्देश्य से ऋण लिया जा रहा है, उससे अपनी आजिविका के साथ साथ अन्य बेरोजगारों को भी रोजगार मुहैय्या कराएं और समयान्तर्गत बैंक की किश्त भी जमा कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि धनराशि जिस मद के लिये आवंटित की जा रही है उसे उसी मद मे खर्च करना सुनिश्चित करें।
मुख्य विकास अधिकारी वन्दना ने आवेदकों से कहा कि स्वरोजगार की सभी योजनाओं की जानकारी लेते हुए इनका लाभ उठाएं और बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे ऋण से स्वरोजगार प्राप्त करने के साथ रोजगार मुहैय्या कराने को लेकर भी कार्य करें। साक्षात्कार में जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक प्रवीण गर्ब्याल, महाप्रबन्धक उद्योग केन्द्र कविता भगत, निदेशक आरसेटी आरसी पुनेठा,सह निदेशक खादी बोर्ड केके सिंह, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एसएन आर्य,जिला पंचायत सदस्य जीवन ठाकुर,दिवाकर रावल,उद्योग विभाग से एलएम साह आदि मौजूद थे।