कभी 51 रुपए से शुरू किया था अपना सफर,आज इतने करोड़ की संपत्ति है पंकज उधास की

चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल या फिर चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है जैसे गाने आज भी लोगों को याद हैं। लेकिन…

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चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल या फिर चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है जैसे गाने आज भी लोगों को याद हैं। लेकिन इस गाने वाले मशहूर गजल गायक और बॉलीवुड सिंगर पंकज उधास आज हमारे बीच नहीं है। वह केवल 72 साल के थे और सोमवार सुबह उनका निधन हो गया वह काफी लंबे समय से बीमार भी चल रहे थे। लीजेंडरी सिंगर पंकज उधास अपने पीछे करोड़ की संपत्ति छोड़ गए हैं।उनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी फरीदा उधास और बेटियां नायाब व रेवा उधास हैं।

पंकज उधास का जन्म 1951 को एक गुजराती फैमिली में हुआ था। उन्हें बचपन से ही म्यूजिक का शौक था उनकी इस खबर के बाद पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। अपनी गायिकी से उन्होंने सभी को अपना दीवाना बनाया था। अपनी गायिकी से उन्होंने कई रिकॉर्ड भी बनाए थे। वहीं अगर हम पंकज उधास की संपत्ति के बारे में बात करें तो बताया जाता है कि वह अपने पीछे करीब 25 करोड रुपए से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए हैं। वह एक लग्जरी लाइफ जीते थे और इवेंट में सिंगिंग के अलावा यूट्यूब के जरिए भी वह कमाई करते थे।

पंकज उधास का मुंबई में आलीशान घर भी है जो शहर के  पेडर रोड पर है। उनके इस घर का नाम हिलसाइड है। दिवंगत सिंगर अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति परिवार के लिए छोड़कर गए हैं। इनका कर कलेक्शन भी काफी शानदार था। बताया जाता है कि उनके पास ऑडी, मर्सिडीज़ जैसी महंगी और लक्जरी गाड़ियां थी।

आपको बता दे की पंकज उदास का घर हिल साइड जिस पेडर रोड पर स्थित है वहां बॉलीवुड और बिजनेस जगत के कई दिग्गज हस्तियां भी रहती हैं। इनका घर तीन मंजिला आलीशान घर था जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है। इनका घर से एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के करीब 300 मीटर की दूरी पर है।

बताया जाता है कि पंकज उधास की पहली कमाई काफी कम थी। उन्होंने गाने की शुरुआत अपने भाई के साथ उस समय की थी जब चीन और भारत के बीच युद्ध का माहौल था। ऐसे में जब देशभक्ति का रंग हर ओर छाया हुआ था पंकज उधास ने एक कार्यक्रम में ‘ऐ वतन के लोगों’ गाना गाकर सबको अपना फैन बना लिया। खास बात यह है कि इस गाने के लिए उन्हें इनाम के तौर पर 51 रुपए भी दिए गए थे और यही उनके सिंगिंग की पहली कमाई थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और गए कि वह गजल की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया।