पिथौरागढ़— हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पर्वतीय पत्रकार एशोसिएशन ने आयोजित की गोष्ठी

पिथौरागढ़। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर पर्वतीय पत्रकार एसोसिएशन ने एक गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें हिंदी पत्रकारिता के इतिहास तथा वर्तमान और भविष्य…

On the occasion of Hindi Journalism Day the parvatiya Patrakra Association organized a seminar in pithoragarh

पिथौरागढ़। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर पर्वतीय पत्रकार एसोसिएशन ने एक गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें हिंदी पत्रकारिता के इतिहास तथा वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया।


कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मीडिया सभागार में आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय वर्धन उप्रेती ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का इतिहास काफी बेहतरीन रहा है। आजादी की लड़ाई में हिंदी समाचार पत्रों की अहम भूमिका रही थी। लोगों में आजादी की चेतना विकसित करने में हिंदी समाचार पत्रों ने प्रेरक का काम किया था।

विजय वर्धन उप्रेती ने कहा कि आजादी के बाद भी सत्ता को निरंकुश होने से रोकने तथा जनमुद्दों को उठाने में हिंदी पत्रकारिता ने अहम रोल अदा किया है। लेकिन अब इसके सामने भाषा के साथ ही सत्ता का औजार बन जाने की चुनौतियां नये सिरे से खड़ी हो गईं हैं, जिससे इस विशाल देश की लोकतांत्रिक चेतना देर सबेर अपने को आजाद करेगी।


एसोसिएशन के महासचिव भक्त दर्शन पांडे ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता आम आवाम की ताकत रही है। इसकी धार ने जहां कमजोर वर्ग की आवाज को एक प्लेटफॉर्म देने का काम किया, वहीं बेलगाम सत्ताओं पर लगाम भी लगाई है। कहा कि हिंदी पत्रकारिता के सामने नए तरह का संकट पैदा हो रहा है, जिसे हिंदी भाषा को मिल रही चुनौतियों के साथ देखा जा सकता है। अन्य वक्ताओं ने भी हिंदी पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप पर बात रखी और इसकी बेहतरी की उम्मीद जताई। गोष्ठी में एसोसिएशन के संरक्षक प्रेम पुनेठा, ओपी अवस्थी, रमेश गड़कोटी, कुन्डल चौहान, योगेश पाठक, राजेश पंगरिया, राकेश पंत, पंकज पाठक, हिमांशु जोशी, यशवंत महर, दीपक गुप्ता, पंकज पांडे, अशोक पाठक, मनीष चौधरी, विपिन गुप्ता, विजय उप्रेती, बृजेश तिवारी आदि मौजूद रहे।