दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने पद संभालते ही निर्देश जारी किया है कि कोर्ट में तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख पर रोक है। अब वकीलों को तत्काल सुनावाई के लिए प्रार्थना पत्र अथवा ईमेल के माध्यम से सूचित करना होगा कि आखिर उनके मामले को क्यों तुरंत सुना जाना चाहिए।
जानकारी के अनुसार ऐसे मामलों में न्यायिक समय अधिक खर्च होता था, जिससे बड़े आरोपी और वरिष्ठ अधिवक्ताओं को फायदा होता था क्योंकि वे बारी से पहले ही मामलों की सुनवाई सुनिश्चित कर सकते थे। न्यायाधीश संजीव खन्ना के अनुसार न्याय तक आसान पहुंच और समान व्यवहार – सुनिश्चित करना न्यायपालिका का सांविधानिक कर्तव्य है।