The youth of Jageshwar, on the death of an innocent by beating a teacher for drinking water from a pot, launched a campaign
जालोर में शिक्षक की मारपीट के चलते हुए मासूम छात्र की मौत की घटना का देश भर में विरोध हो रहा है। अल्मोड़ा के जागरुक युवा भी इस घटना को लेकर मुखर हैं और उन्होंने इस घटना की निन्दा करते हुए अभियान चलाया है। छात्रों ने मेला क्षेत्र में भी पोस्टरों के माध्यम से अभियान चलाया।
जालौर की यह स्तब्ध कर देने वाली घटना 20 जुलाई को हुई थी जब एक मासूम छात्र इंदर ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था। बदले में उसे इतनी पिटाई मिली की बाद में उसकी मौत हो गई।
अल्मोड़ा, 16 अगस्त 2022- जालोर rajsthan में शिक्षक की मारपीट के चलते हुए मासूम छात्र की मौत की घटना का देश भर में विरोध हो रहा है।
अल्मोड़ा के जागरुक युवा भी इस घटना को लेकर मुखर हैं और उन्होंने इस घटना की निन्दा करते हुए अभियान चलाया है। छात्रों ने मेला क्षेत्र में भी पोस्टरों के माध्यम से अभियान चलाया।
जालौर की यह स्तब्ध कर देने वाली घटना 20 जुलाई को हुई थी जब एक मासूम छात्र इंदर ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था। बदले में उसे इतनी पिटाई मिली की बाद में उसकी मौत हो गई।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता महेश राम ने बताया कि इस घटना के बाद अल्मोड़ा जागेश्वर के युवाओं ने काफी सराहनीय कार्य किया ये भी छात्र ही है जो की अपनी अपनी पढ़ाई कर रहे है।
अल्मोड़ा जागेश्वर के इन युवाओं (मयंक, रितेश, पंकज, आशीष, संजय, रित्विक जोशी, हर्ष पांडे) द्वारा जातिवाद के खिलाफ पोस्टरों के माध्यम से मोर्चा निकाला गया नारे बाजी की, साथ ही इंदर मेघवाल पर किए गए अत्याचार का शोक जताया गया और न्याय दिलाने के लिए हैसटैग #justiceforindermeghwal ट्रेंड कराने को लोगो से अपील की ।
महेश ने बताया कि इन युवाओं ने लोगो की भेदभाव के प्रति मानसिकता बदलने के लिए प्रयास किया साथ ही ऐसी मानसिकता वाले लोगो की निंदा भी की जो जातिवाद को बढ़ावा देते है, सभी लोगो को बीना किसी भेदभाव के समानताके साथ रहने का संदेश दिया। इन युवाओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मेला क्षेत्र में उपस्थित लोगो को इस घटना के बारे में अवगत भी कराया ।
महेश ने बताया कि इन युवाओं ने हेस्टैग #न्याय #समानता #जातिवाद के पोस्टरों के साथ सभी लोगों को जागरुक किया, आजादी के 75 साल बाद भी एक दलित बच्चे को पानी पीने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। और हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि हमारी लड़ाई सिर्फ इंदर मेघवाल को न्याय दिलाने के लिए ही नहीं है बल्कि पूरे इस सिस्टम से है जो इंसानों को जातियों के नाम पर बाटता और सभी लोगो में फूट डालता हैं ।
युवाओं का ये प्रयास सराहनीय है . सामाजिक समरसता के लिए सभी को आगे आना होगा . सभी समाज में भेदभाव और अन्याय के लिए कोई जगह नहीं होने चाहिए .