80-year-old mother of Sheetlakhet performed Satvik worship in the temple instead of animal sacrifice, appealed to the people
रधुली देवी ने मॉं स्याही देवी मंदिर Sheetlakhet में मन्नत मांगी थी कि उनकी मनोकामना पूर्ण हुई तो वह मंदिर में पशुबलि देगी। इस बीच गांव में गायत्री परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में हुए यज्ञ कार्यक्रम में मंदिरों में पशुबलि के संबंध में पूर्ण रोक संबंधी हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी भी दी। तभी रधुली देवी ने भी पशुबलि के स्थान पर सात्विक पूजा करने का निश्चय किया।
अल्मोड़ा, 27 फरवरी 2023— शीतलाखेत(Sheetlakhet) क्षेत्र के मटीला सूरी निवासी 80 वर्षीय आमा रधुली देवी ने मंदिर में पशुबलि के स्थान पर सात्विक पूजा कर एक मिशाल प्रस्तुत की है। उन्होंने मंदिर में न केवल सात्विक पूजा की जबकि लोगों से भी सात्विक पूजा को अपनाने का आह्वान किया।
मटीला के हरीश बिष्ट ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व रधुली देवी ने मॉं स्याही देवी मंदिर Sheetlakhet में मन्नत मांगी थी कि उनकी मनोकामना पूर्ण हुई तो वह मंदिर में पशुबलि देगी। इस बीच गांव में गायत्री परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में हुए यज्ञ कार्यक्रम में मंदिरों में पशुबलि के संबंध में पूर्ण रोक संबंधी हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी भी दी।
तभी रधुली देवी ने भी पशुबलि के स्थान पर सात्विक पूजा करने का निश्चय किया। उन्होंने नारियल, फूल आदि से अपनी पूजा सम्पन्न कराई और लोगों से भी अपील की कि हमें न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
इस कार्य में उनके पुत्र कुबेर सिंह बिष्ट और हरीश बिष्ट ने भी सहयोग किया। पुरोहित जीवन कांडपाल ने पूजा अर्चना सम्पन्न कराई इस मौके पर चम्पा बिष्ट, विनीता बिष्ट, मोहनी देवी, संस्कृति बिष्ट आदि मौजूद थे।