अब सीप से निकले हुए मोती चमकाएंगे किसानों की किस्मत , इस तरह होगा उत्पादन

नैनीताल जिले में अब चित्रकूट से आया सीप मोती पैदा करेगा। जिससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा। इसके साथ ही उन्हें पारंपरिक खेती…

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नैनीताल जिले में अब चित्रकूट से आया सीप मोती पैदा करेगा। जिससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा। इसके साथ ही उन्हें पारंपरिक खेती के स्थान पर एक विकल्प भी मिलेगा। इसका प्रयोग आत्मा परियोजना के तहत किया जा रहा है। प्रदेश में नैनीताल जिले से इसकी शुरुआत हो रही है।

यहां चयनित सात किसानों को चित्रकूट में मोती उत्पादन का निशुल्क प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें चित्रकूट से निशुल्क 10 -10 सीप भी उपलब्ध कराई गई है। भीमताल ब्लॉक के सलडी, हरीनगर आदि गांवों में तालाब में किसानों ने उत्पादन की प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया है। मोती उत्पादन योजना में भी रखा जाएगा और फिर अन्य जिलों में भी इसका उत्पादन शुरू होने में मदद मिल सकेगी। जिसके बाद रामनगर और यूपी की अन्य नदियों से भी सीप लाकर किसानों को देने की योजना है।

बता दें कि इसका उत्पादन सीप को पकड़कर उनके अंदर सर्जरी के माध्यम से पॉली कार्बन डाला जाता है। फिर सीप को गुणवत्ता, अनुकूल तापमान वाले तालाब में छोड़ दिया जाता हैं। सीप के अंदर मोती बनने की प्रक्रिया पूरी होने में डेढ़ से दो साल लग जाते है। एक सीप करीब तीन से चार मोती बनाता है। आपको बताते चलें कि बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है, मोती का अलग अलग क्वालिटी का एक दाना बाजार में 200 से 500 रुपए में बिकता है।

एक वर्ग मीटर के टैंक में किसान पांच से 6 हजार रुपए का मोती का उत्पादन कर सकता है। 100 वर्ग मीटर हो तो किसान की कमाई पांच लाख रुपए तक पहुंच जाती है।जिला मत्स्य प्रभारी डॉ. विशाल दत्ता ने बताया कि प्रदेश का पहला अभिनव प्रयोग नैनीताल में किया जा रहा है। निशुल्क प्रशिक्षण के बाद चयनित किसानों को 10 – 10 सीप दी गई हैं और उन्होंने उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।