अग्निपथ स्कीम को लेकर विवाद अब भी जारी है। अब खबर यह उठ रही है कि सेना की तरफ से भी स्कीम में बदलाव मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि आर्मी सरकार को स्कीम में दो बड़े बदलाव करने के सुझाव देने वाली है।
पहला- स्कीम में शामिल होने वालों की आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल की जाए। दूसरा- चार साल बाद कम से कम 50 फीसदी सैनिकों को परमानेंट किया जाए।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जुलाई को मामले से अवगत वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सेना जल्द ही सरकार को इन दो बदलावों पर सुझाव दे सकती है।
नाम ना छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि ग्रेजुएट्स को शामिल करने के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 करने का प्रस्ताव देने की योजना बनाई जा रही है। उन्हें तीनों सेवाओं में तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा है कि यह बदलाव युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी हैं सेना की तीनों सेवाएं पहले भी बड़ी संख्या में ग्रेजुएट्स को शामिल करती थीं। वह आवेदन कर सकें इसके लिए आयु सीमा दो साल बढ़ाने की आवश्यकता है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि खास क्षेत्रों में मैनपॉवर की कमी ना हो इसके लिए 25% की बजाय कम से कम 50% अग्निवीरों को सेवा में बनाए रखने का भी प्रस्ताव है कहा गया,
अगर अग्निवीरों को किसी विशेष तकनीकी स्ट्रीम का काम सौंपा गया और उनमें से कोई भी, सेवा में रखे गए 25% सैनिकों में शामिल नहीं हो पाया तो इससे उन क्षेत्रों में बहुत दिक्कत होगी। इससे बचने के लिए रिटेंशन रेट को बढ़ाने की जरूरत है।