रक्षामंत्री ने जनता को समर्पित की व्यास घाटी में 80 किमी लंबी सड़क
घटियाबगड़ से लिपुलेख तक बीआरओ द्वारा निर्मित रोड का दिल्ली से किया ई-उद्घाटन
पिथौरागढ़। सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra) जाने वाले यात्रियों के लिये खुशखबरी है। अब चीन सीमा तक का क्षेत्र मोटर मार्ग से जुड़ गया है।
जनपद पिथौरागढ़ के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। जनपद की तहसील धारचूला की व्यास घाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्र घटियाबगड़ से लिपुलेख तक 80 किलोमीटर लंबे सीमांत क्षेत्र को सड़क से जोड़ दिया गया है। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से ई-उद्घाटन कर इस सड़क मार्ग को देश की जनता को समर्पित किया।
11 वर्ष की कड़ी मेहनत का नतीजा है यह सड़क
इस मोटर मार्ग के बनने से घटियाबगड़ से लिपुलेख की दूरी 80 किलोमीटर रह गई है। वही पूरे मोटर मार्ग की चौड़ाई 10 से 12 मीटर रखी गई है। मुख्य अभियंता गोस्वामी ने बताया कि 2008-09 में इस मोटर मार्ग प्रारम्भ किया गया। नजंग से बूंंदी तक 17 किलोमीटर तक मोटर मार्ग का निर्माण किसी चुनौती से कम नही था। इस हिस्से में अत्यधिक कठोर चट्टान होने के कारण काफी कठिनाइयों आई। और इस हिस्से को पूरा करने मे ही 2 वर्ष लग गए। उन्होंने बताया कि इस सड़क के निर्माण को कुल 408 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि इस सड़क के निर्माण से एक ओर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा वहीं क्षेत्र में विकास कार्यों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत में अब सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी 84 प्रतिशत : राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मार्ग के निर्माण को सामरिक, व्यापारिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इसके बनने से कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) अब चीन में सड़क मार्ग से सिर्फ 16 प्रतिशत रह जाएगी और भारत में 84 प्रतिशत होगी।
दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मार्ग का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सड़क को देश की जनता को समर्पित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। इसका निर्माण कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान से कम नही है। स्थानीय जनता, सेना और इस क्षेत्र में तैनात अर्द्ध सैन्य बलों, व्यापारियों को भी इस मार्ग के निर्माण की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। सभी की आशा एवं आकांक्षाओं को एक साथ पूरा किया है। सीमा सड़क संगठन यानि बीआरओ ने बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में इस कार्य को पूरा किया है। इसके लिए वह धन्यवाद के पात्र हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मार्ग के निर्माण में जहां अनेक कठिनाइयों आईं, वही सेना के जवानों के साथ ही मजदूरों ने भी अपनी जानें गवाई हैंं। उन्होंने ऐसे सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस मार्ग के खुलने से न केवल सेना, अर्द्ध सैन्य बलों के साजो सामान, रसद की आपूर्ति आसानी से होगी, बल्कि यह इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न स्थानों से कैलाश मानसरोवर की यात्रा की जाती है, जिसमें 2 या 3 हफ्ते लग जाते हैं और अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस मार्ग के निर्माण से एक हफ्ते में ही मोटर मार्ग से यात्रा पूर्ण की जा सकती है। यह मार्ग, सामरिक, ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। प्राचीन काल में स्थानीय व्यापार में भी इस मार्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में इस कनेक्टिविटी से निश्चित रूप से यहां के विकास को बल मिलेगा। पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाओं के अतिरिक्त इस क्षेत्र के सभी गांवों के समग्र विकास में भी यह सड़क अपनी भूमिका निभाएगी।
रक्षामंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को देखें तो मार्ग बनने से पूर्व पूर्व भारत में 20 फीसदी व चीन में 80 फीसदी सड़क मार्ग से यात्रा होती थी, लेकिन इस मार्ग के निर्माण से अब भारत में 84 फीसदी व चीन में 16 फीसदी यात्रा सड़क मार्ग से होगी। यह बीआरओ द्वारा कड़ी मेहनत से अद्भुत व अकल्पनीय कार्य है।उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद बीआरओ देश के उत्तरी, उत्तर पूर्वी भागों आदि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर देश की रक्षा, सुरक्षा व समग्र विकास में योगदान दे रहा है। आज वह नई तकनीकी व मैनपावर का सही प्रयोग कर कार्य कर रहा है। उन्होंने इस सड़क के निर्माण पर सभी को बधाई दी। पिथौरागढ़ जिले में इस मार्ग का उद्घाटन कार्यक्रम जिला मुख्यालय के नैनीसैनी एयरपोर्ट के प्रशासनिक भवन के निकट पार्किंग स्थल में संपन्न हुआ। रक्षा मंत्री के संबोधन के बाद जनपद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बीआरओ के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी (विशिष्ट सेवा मैडल) ने रक्षा मंत्री से अनुमति प्राप्त कर विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत सेना, आईटीबीपी और बीआरओ के वाहनों के काफिले को गुंजी के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर दिल्ली से रक्षा राज्य मंत्री के साथ क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, जनरल नरवणे, रक्षा सचिव अजय कुमार, महानिदेशक बीआरओ हरपाल सिंह और अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे। पिथौरागढ़ से बीआरओ के कर्नल सोमेंद्र बनर्जी, पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रदीप कुमार, उप जिलाधिकारी सदर तुसार सैनी समेत अनेक अधिकारी व जवान उपस्थित रहे।